Hema Malini Birthday: 76 की उम्र में भी करोड़ों दिलों पर राज करती हैं बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ अपने बेहतरीन अभिनय से फूंकी हर किरदार में जान। बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी की जिंदगी किसी खुली किताब के समान है। एक पतली और नाजुक लड़की का तमिल फिल्म में नाम कमाना, फिर हिंदी फिल्मों में आकर अपनी डांसिंग और एक्टिंग प्रतिभा से सबको चौंका देना, यह काफी प्रेरणादायक है।
कई अभिनेत्रियाँ सिल्वर स्क्रीन पर आईं और लोकप्रिय हो गईं, लेकिन हेमा मालिनी जैसी कोई दूसरी नहीं रही। हेमा मालिनी ने हर किरदार को अपनी अदाकारी से बेहद खास बना दिया। ‘शोले’ में जब उन्हें धन्नो की बकबक करती बसंती का रोल मिला, तो वह उसमें पूरी तरह डूब गईं। चाहे वह ‘ड्रीम गर्ल’ हो, मीरा बाई का किरदार हो, या स्वामी विवेकानंद की मां दुर्गा का रोल, उन्होंने हर भूमिका को पूरी मेहनत और समर्पण के साथ निभाया।

जानी-मानी क्लासिकल डांसर हैं हेमा मालिनी
हेमा मालिनी एक शास्त्रीय नृत्यांगना हैं। 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के एक गाँव में जया चक्रवर्ती ने एक बच्ची को जन्म दिया। यह बच्ची दशहरे के बाद पैदा हुई थी, और चक्रवर्ती परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का था। मां लक्ष्मी की गहरी आस्था के कारण बच्ची का नाम रखा गया हेमा मालिनी। हेमा अपने दो भाइयों की एकमात्र बहन थीं।
हिंदी सिनेमा में कैसे शुरू हुआ हेमा मालिनी का सफर
बचपन से ही उन्हें शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा दी गई। हेमा मालिनी ने बॉलीवुड में ‘सपनों के सौदागर’ फिल्म से कदम रखा। इससे पहले उनका करियर तमिल फिल्मों में शुरू होने से पहले ही खत्म माना जा रहा था। उन्होंने कई शोज में इस बारे में जिक्र किया है कि यह उनके लिए एक बड़ा झटका था और उन्हें बहुत बुरा लगा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

Hema Malini Birthday स्पेशल लेख
इसके बाद उन्हें एक हिंदी फिल्म में ब्रेक मिला। 1969 में उन्होंने राज कपूर के साथ ‘सपनों के सौदागर’ में काम किया, जिसके बाद उनकी पतली-दुबली छवि को पसंद किया जाने लगा। 1970 में उनकी तीन बड़ी फिल्में- ‘तुम हसीन मैं जवान’, ‘अभिनेत्री’ और ‘जॉनी मेरा नाम’ रिलीज हुईं, जो सभी बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं।
हेमा कैसे बनी करोड़ों दिलों की धड़कन
ड्रीम गर्ल ने डबल रोल में भी दिखाया कमाल 1972 में आई फिल्म ‘सीता और गीता’ में हेमा मालिनी ने डबल रोल निभाया। यह फिल्म उस समय की आम फिल्मों से अलग थी। यह दिलीप कुमार की ‘राम और श्याम’ की तरह महिला किरदार पर आधारित थी। कहानी दो जुड़वा बहनों की थी, जिनका स्वभाव एक-दूसरे से बिल्कुल अलग था। हेमा ने दोनों भूमिकाओं को बखूबी निभाया।

मां दुर्गा के किरदार से भी पाई सराहना
उनके साथ संजीव कुमार और धर्मेंद्र ने अभिनय किया। 1998 में दूरदर्शन पर रिलीज़ हुई फिल्म ‘स्वामी विवेकानंद’ में हेमा मालिनी ने मां दुर्गा का किरदार निभाया। यह फिल्म विवेकानंद के जीवन पर आधारित थी। शायद वह मेनस्ट्रीम सिनेमा की पहली बड़ी अदाकारा थीं जिन्होंने मां दुर्गा की भूमिका को इतनी अच्छी तरह निभाया, कि देखने वालों को शक्ति का साक्षात्कार सा प्रतीत हुआ।
हेमा ने शादीशुदा धर्मेंद्र को चुना अपना जीवनसाथी
1975 में गुलजार की फिल्म ‘खुशबू’ में भी हेमा ने शानदार अभिनय किया। उन्होंने कुसुम के किरदार को जीवंत कर दिया था। इसके बाद, 2003 में जब उन्होंने ‘बागबान’ से सालों बाद वापसी की, तब भी उनकी ऊर्जा और जुनून में कोई कमी नहीं दिखी। हेमा मालिनी की निजी ज़िंदगी भी हमेशा चर्चा का विषय रही। उनका नाम जितेंद्र, संजीव कुमार और धर्मेंद्र के साथ जुड़ा।

कैसे शुरू हुई हेमा-धर्मेंद्र की प्रेम कहानी
इस बात का उल्लेख उनकी जीवनी ‘हेमा मालिनी: द ऑथराइज्ड बायोग्राफी’ में भी किया गया है। हालांकि अभिनेत्री ने शादी धर्मेंद्र से की थी, जो पहले से ही शादीशुदा थे और चार बच्चों के पिता थे। लेकिन कृष्ण की भक्त हेमा ने यह जोखिम उठाया और उनसे विवाह किया। राजनीति में कदम रखा और तीन बार सांसद का चुनाव जीता। पद्म श्री से सम्मानित ‘ड्रीम गर्ल’ ने 155 से अधिक फिल्मों में काम किया और छोटे पर्दे पर भी ‘नूपुर’ के माध्यम से प्रवेश किया।

हेमा मालनी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से
उन्होंने ‘दिल आशना है’ फिल्म का निर्माण और निर्देशन भी किया। रील से लेकर वास्तविक जीवन तक, हर भूमिका को समर्पण, ईमानदारी और सच्चाई के साथ निभाया। एक माँ के रूप में ईशा और अहाना की परवरिश की, राज्य सभा तक पहुंचीं और लोकसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाया। मथुरा से एक नहीं बल्कि तीन बार सांसद बनीं, और कला के प्रति उनका समर्पण अब भी कायम है।