मरने से पहले एक बार जरूर खाएं भारतीय पारंपरिक भोजन से परोसी गईं देश के अलग अलग राज्यों की ये थाली। भारत एक ऐसा देश है जो अपने विविधताओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में विभिन्न आहार और व्यंजनों की अनगिनत प्रजातियाँ हैं, जिनका स्वाद और रंग वास्तव में अनोखा है। भारतीय थाली उन्हीं में से एक प्रमुख विकल्प है, जो हर एक भारतीय राज्य के खास व्यंजनों को आपके सामने पेश करता है। इस लेख में, हम आपको 12 ऐसी राजस्थानी भारतीय थालियों के बारे में बताएंगे जो हर फूडी को अपनाना चाहिए:
क्या है भारतीय पारंपरिक भोजन ?
- पंजाबी थाली: पंजाबी थाली दुनिया भर में अपनी मसालेदार स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसमें सरसों दा साग, मक्के की रोटी, दाल मखनी, पनीर, छोले और लच्छेदार परांठे शामिल हो सकते हैं।
- राजस्थानी थाली: राजस्थान की थाली में आपको दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, मिर्ची वड़ा, राजस्थानी कढ़ी, और बजरे की रोटी मिल सकती है। मिठाइयों में, आपके पास मीठे के स्वाद के लिए गोंद के लड्डू और मालपुआ हैं। साथ ही पंचमेला दाल, लाल मास भी प्रसिद्ध है।
- गुजराती थाली: गुजरात की थाली में धोकला, थेपला, गुजराती कढ़ी, कचौड़ी, और धोखा शामिल हो सकते हैं।
- बंगाली थाली: बंगाल की थाली में मछली की सब्जियाँ, लूची, आलूर डम, और रसगुल्ले शामिल हो सकते हैं।
- साउथ इंडियन थाली: दक्षिण भारतीय थाली में दोसा, इडली, सांभर, उपमा, और कोब्बरी चटनी आती है।
- महाराष्ट्रीयन थाली: महाराष्ट्रीयन भोजन थोड़ा चटपटा और मसालेदार स्वाद है। महाराष्ट्र की थाली में वडा पाव, मिसळ पाव, पूरणपोळी, अमटी, और कोल्हापुरी मिसळ शामिल हो सकते हैं। वहीं रस्सा (सफेद ग्रेवी में चिकन), मटन कोल्हापुरी (तीखी मटन ग्रेवी), साबूदाना वड़ा और खीर या बासुंदी (गाढ़े दूध से बनी मीठी मिठाई) जैसी मिठाइयाँ।
- कश्मीरी थाली: कश्मीर की थाली में रोगञ्जोश, यखनी, कश्मीरी पुलाव, कश्मीरी रोटी, और फिरनी शामिल हो सकते हैं। इस थाली में राजमा रिसेमिस, कबाब नादिर शाही (आम पापड़ से भरी कमल की जड़), तबक माज़ (तली हुई मेमने की पसलियाँ), गोश्त यखानी, कश्मीरी दम आलू, खट्टे बैंगन, कश्मीरी पुलाव, जैसे व्यंजन शामिल हैं।
- असमीया थाली या आलोहिर एक्ज़ाज : असम की थाली में माछोर टेंका, माछोर घिओ, असमीया थाली, और पिठा शामिल हो सकते हैं। यह पारंपरिक थाली खार नामक व्यंजन से शुरू होती है, जो कच्चे पपीते, दाल और सूखे केले के छिलके के पाउडर से बनी करी है। इसके बाद पुरा (स्मोक्ड मीट), पोइताभात (मिर्च, प्याज और सरसों के तेल में तला चावल), शाक भाजी, पितिका और अचार के साथ बोर के नाम से जाने जाने वाले पकौड़े आते हैं।
- उत्तराखंडी थाली: उत्तराखंड की थाली में बाल मिठाई, आलू गुटके, झिंगा मड़ेर, और बादाम की चटनी आती है।
- तमिल नाडु थाली: तमिल नाडु की थाली में पोंडी, अवियल, संबार, परुप्पु उसिल, और पाल पायसम शामिल हो सकते हैं।
- तेलंगाना थाली: तेलंगाना की थाली में ह्यदराबादी बिरयानी, मिर्चि का सालन, गोंगुरा पचड़ी, और ह्यदराबादी हलीम शामिल हो सकते हैं।
- कर्नाटक थाली: कर्नाटक की थाली में बिसी बेले भात, रागी मुड्डे, मसाला दोसा, और बधूशा शामिल हो सकते हैं।

भारतीय पारंपरिक भोजन का स्वाद ऐसा जो कभी न भूलें
ये थालियाँ भारतीय खाने की समृद्धता और विविधता का प्रतिबिम्ब हैं। इन्हें अपने जीवन में एक बार आजमाना हर एक फूडी की बुनियादी जरूरत है। यह एक अनोखी सांस्कृतिक अनुभव को अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है और भारतीय रसोई की विविधता को समझने में मदद करता है। इसके साथ ही, यह थालियाँ स्वास्थ्यप्रद और पौष्टिक भी होती हैं, क्योंकि ये आमतौर पर ताजगी से भरपूर स्थानीय उत्पादों से तैयार की जाती हैं।
इसलिए, न केवल स्वादिष्ट खाने का आनंद लिया जा सकता है, बल्कि स्वस्थ भी रहा जा सकता है। इसलिए, अगली बार जब आप भारत भर में यात्रा करें, तो ये 12 प्रकार की थालियाँ अपनाएं और भारतीय रसोई के नए-नए स्वादों का आनंद लें। यकीन मानिए, यह एक अनभूत अनुभव होगा जो आपके जीवन में स्थायी स्मृतियाँ छोड़ जाएगा।