Marriage Certificate: मैरिज सर्टिफिकेट के बिना बढ़ सकती है आपकी मुश्किलें, महिलाएं भूलकर भी न करें ये गलती। यदि शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाया गया हो, तो महिलाओं को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आखिर शादी का सर्टिफिकेट क्यों जरूरी होता है ? आइए जानते हैं।
शादी हर व्यक्ति की ज़िंदगी का एक महत्वपूर्ण मोड़ होता है। लोग इस निर्णय को बहुत सोच-समझकर लेते हैं। इसके लिए वे कई लोगों से मिलते हैं, उन्हें समझते हैं, और फिर शादी करने का निर्णय लेते हैं। सनातन धर्म में शादी को एक बहुत ही पवित्र संबंध माना जाता है। न केवल सनातन धर्म, बल्कि दुनिया के सभी धर्मों में शादी के रिश्ते को विशेष महत्व दिया गया है।

क्यों जरूरी है Marriage Certificate
शादी के बाद कई देशों में विवाह प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है, लेकिन भारत में यह जरूरी नहीं है। यदि शादी के बाद विवाह प्रमाण पत्र नहीं बनवाया जाता है, तो महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि आखिर शादी के बाद विवाह प्रमाण पत्र क्यों महत्वपूर्ण होता है। शादी के बाद खासतौर पर महिलाओं के लिए विवाह प्रमाण पत्र लेना बेहद आवश्यक होता है।
विवाह प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है:
शादी के बाद कई कामों में प्रमाण पत्र के रूप में दस्तावेज की जरूरत होती है और ऐसे में विवाह प्रमाण पत्र बहुत उपयोगी साबित होता है। यदि किसी महिला को शादी के बाद अपना उपनाम बदलवाना हो, तो वह विवाह प्रमाण पत्र के आधार पर यह कर सकती है। इसके अलावा, अगर महिला को अपने दस्तावेज़ों में पता बदलवाना हो, तो वहां भी विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है।

हो सकती हैं ये दिक्कतें
भारत में अक्सर बहुत से लोग शादी का प्रमाणपत्र नहीं लेते और अपनी शादी को कानूनी तौर पर दर्ज नहीं कराते। हालांकि, शादी का पंजीकरण न कराने से उसकी वैधता पर कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन बिना मैरिज सर्टिफिकेट के विशेषकर महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शादी के बाद कई बार घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और वैवाहिक बलात्कार जैसे मामले सामने आते हैं।
ऐसे में शादी का प्रमाणपत्र महिला को एक सशक्त स्थिति में खड़ा कर देता है, जिससे वह अपनी लड़ाई को और अधिक प्रभावी ढंग से लड़ सकती है। अक्सर यह देखा गया है कि पति की मृत्यु के बाद महिलाओं को संपत्ति के अधिकार के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर शादी का प्रमाणपत्र नहीं हो तो समस्याएं और भी बढ़ जाती हैं।

Marriage Certificate बनाने से दूर होंगी मुसीबतें
इसके बिना शादी की वैधता पर सवाल उठाए जा सकते हैं, इसलिए यह दस्तावेज यहां बहुत सहायक होता है। कई बार शादी के बाद पति-पत्नी के बीच संबंध ठीक नहीं रहते हैं। लेकिन अगर शादी को कानूनी रूप से पंजीकृत नहीं किया गया है, तो तलाक की प्रक्रिया में भी परेशानियां आती हैं।
वर्ष 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने एक शादी को इस आधार पर अमान्य घोषित कर दिया क्योंकि उसमें न तो रीति-रिवाजों का पालन किया गया था और न ही शादी का पंजीकरण किया गया था। इसके अलावा, अगर पति-पत्नी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो वीजा और इमिग्रेशन की प्रक्रियाओं में भी मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है। इसके बिना इस प्रक्रिया में भी कठिनाइयां आ सकती हैं।