अब घर खरीदना होगा आसान! GST 2.0 से Real Estate सेक्टर में आया बड़ा भूचाल, जानें कैसे मिलेगा सस्ता मकान

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अब घर खरीदना होगा आसान! GST 2.0 से Real Estate सेक्टर में आया बड़ा भूचाल, जानें कैसे मिलेगा सस्ता मकान
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GST Impact on Real Estate, GST 2.0: भारत में हर किसी का सपना होता है कि उसका खुद का एक घर हो। लेकिन लगातार बढ़ती निर्माण सामग्री की कीमतें और टैक्स बोझ इस सपने को पूरा करने में बड़ी बाधा बनते रहे हैं। अब जीएसटी काउंसिल ने गृह खरीदारों और बिल्डरों दोनों के लिए राहत देने वाला फैसला लिया है। हाल ही में हुई 56वीं बैठक में काउंसिल ने कई कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स पर जीएसटी की दरें घटा दी हैं। इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में नई ऊर्जा आने की उम्मीद जताई जा रही है।

सीमेंट पर बड़ी राहत

अब तक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में सबसे महंगी लागत सीमेंट की वजह से होती थी। पहले इस पर 28% जीएसटी देना पड़ता था। लेकिन अब इसे घटाकर 18% कर दिया गया है। चूंकि किसी भी निर्माण कार्य में सीमेंट की भूमिका अहम होती है, इसलिए यह बदलाव सीधे तौर पर प्रोजेक्ट्स की लागत को कम करेगा। डेवलपर्स के लिए यह वित्तीय दबाव को घटाने वाला कदम है और खरीदारों के लिए घरों की कीमत कम करने वाला।

GST 2.0 अन्य निर्माण सामग्री पर राहत

सिर्फ सीमेंट ही नहीं, कई और कच्चे माल पर भी जीएसटी घटाया गया है:

  • संगमरमर और ट्रैवर्टीन ब्लॉक: 12% से घटाकर 5%
  • ग्रेनाइट ब्लॉक: 12% से घटाकर 5%
  • रेत और चूने की ईंटें: 12% से घटाकर 5%

इन फैसलों से निर्माण लागत सीधे तौर पर 3–5% तक कम हो जाएगी।

अफोर्डेबल हाउसिंग को मिलेगा बढ़ावा

सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद मिल सके। निर्माण सामग्रियों पर टैक्स कम होने से खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। डेवलपर्स कम लागत पर प्रोजेक्ट लॉन्च कर पाएंगे और खरीदारों को भी घर खरीदना आसान होगा।

अब घर खरीदना होगा आसान! GST 2.0 से Real Estate सेक्टर में आया बड़ा भूचाल, जानें कैसे मिलेगा सस्ता मकान

रोजगार और अर्थव्यवस्था पर असर

रियल एस्टेट सेक्टर भारत की जीडीपी में बड़ा योगदान देता है। जीएसटी दरों में कमी का असर सिर्फ खरीदारों और डेवलपर्स तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका सीधा फायदा रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्थव्यवस्था को मिलेगा।

  • निर्माण गतिविधियां तेज होंगी।
  • श्रमिकों और मजदूरों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • डेवलपर्स ज्यादा प्रोजेक्ट लॉन्च करेंगे।
  • शहरों और छोटे कस्बों में हाउसिंग की रफ्तार बढ़ेगी।

घर खरीददारों के लिए फायदे

  1. सस्ती कीमत पर मकान: निर्माण लागत घटने से फ्लैट और घर की कीमतें कम होंगी।
  2. समय पर डिलीवरी: डेवलपर्स पर आर्थिक बोझ घटने से प्रोजेक्ट समय पर पूरे होंगे।
  3. बेहतर क्वालिटी: कम टैक्स के कारण बचत को क्वालिटी सुधार पर लगाया जा सकता है।
  4. अफोर्डेबल हाउसिंग का विस्तार: मध्यम और निम्न वर्ग को किफायती घर मिल सकेंगे।

डेवलपर्स के लिए फायदे

  • प्रोजेक्ट्स की लागत कम होगी।
  • फाइनेंसिंग का दबाव घटेगा।
  • ज्यादा संख्या में प्रोजेक्ट लॉन्च किए जा सकेंगे।
  • बाजार में भरोसा और डिमांड दोनों बढ़ेंगे।

जीएसटी 2.0 से आने वाला बूम

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुधार रियल एस्टेट सेक्टर को अगले कुछ सालों में नई ऊंचाई पर ले जाएगा। खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा और निवेशकों के लिए भी यह सेक्टर और आकर्षक बनेगा।

  • मांग बढ़ेगी, जिससे कीमतें स्थिर रहेंगी और ज्यादा लोगों को घर खरीदने का मौका मिलेगा।
  • अफोर्डेबल हाउसिंग पर खास असर होगा, जिससे सरकार के “सबके लिए घर” के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार में तेजी आने से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलेगा।

जीएसटी 2.0 को रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा गेमचेंजर माना जा रहा है। सीमेंट, संगमरमर, ग्रेनाइट और ईंट-रेत जैसे जरूरी निर्माण सामग्रियों पर टैक्स घटने से न सिर्फ मकान की कीमतें कम होंगी बल्कि डेवलपर्स को भी राहत मिलेगी।

इससे एक ओर जहां आम आदमी के लिए घर खरीदना आसान होगा, वहीं दूसरी ओर निर्माण उद्योग और देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी। आने वाले समय में यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर को नई उड़ान देने वाला साबित हो सकता है।

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