बिहार सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक नया कदम उठाया है। अब किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ मसालों की खेती करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने ‘बीज मसाले की योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को धनिया, मेथी, सौंफ, मंगरैला और अजवाइन जैसी मसाला फसलों की खेती के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
✅ क्या है ‘बीज मसाले की योजना’?
इस योजना का उद्देश्य किसानों को मसाला फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत राज्य के 38 जिलों में किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की लागत पर 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी, यानी किसानों को ₹20,000 तक का अनुदान मिलेगा। यह अनुदान दो चरणों में दिया जाएगा।
🔍 योजना से होने वाले लाभ:
- मसालों की खेती से पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा मिलता है।
- फसलों की तैयारी में पानी की खपत कम होती है।
- कम समय में तैयार होने वाली फसलें किसानों को जल्दी आमदनी देती हैं।
- इस योजना से मसालों की बढ़ती मांग को देखते हुए किसान स्थायी आमदनी के स्रोत तैयार कर सकते हैं।

🧑🌾 योजना का लाभ कौन ले सकता है?
इस योजना के लाभ लेने के लिए किसानों के पास न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) और अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) कृषि भूमि होना अनिवार्य है।
किसानों को अपने भूमि स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जैसे:
- राजस्व रसीद
- वंशावली
- वैध एकरारनामा
यदि कोई किसान गैर-रैयत है, तो वह एकरारनामा के माध्यम से भी इस योजना का लाभ उठा सकता है, बशर्ते वह निर्धारित प्रारूप में हो और पोर्टल से डाउनलोड किया गया हो।
📝 आवेदन प्रक्रिया:
‘बीज मसाले की योजना’ में आवेदन करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:
- सबसे पहले DBT पोर्टल (dbtagriculture.bihar.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
- फिर horticulture.bihar.gov.in वेबसाइट पर जाकर बीज मसाले योजना के लिए आवेदन करें।
- आवेदन प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर होगी।
⚠️ ध्यान रखने योग्य बातें:
- किसान का बैंक खाता DBT पोर्टल पर रजिस्टर्ड होना चाहिए।
- बैंक खाते की सही जानकारी देना जरूरी है, ताकि सब्सिडी सीधे खाते में ट्रांसफर हो सके।
- आरक्षण व्यवस्था के अनुसार योजना में लाभार्थियों का चयन होगा:
- सामान्य श्रेणी – 78.537%
- अनुसूचित जाति – 20%
- अनुसूचित जनजाति – 1.463%
- महिला किसानों को हर श्रेणी में 30% आरक्षण मिलेगा।
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🌱 बीज कहां से मिलेगा?
इस योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति निम्नलिखित संस्थानों द्वारा की जाएगी:
- राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पटना
- बिहार राज्य बीज निगम
बीज प्राप्त करते समय किसान को एक जियो-टैग्ड सेल्फी लेनी होगी, जिसमें किसान, आपूर्ति करने वाला और संबंधित अधिकारी स्पष्ट रूप से दिखाई दें। इस फोटो को पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
🌿 क्यों करें मसाला फसलों की खेती?
- मसालों की खेती में कम पानी और देखभाल की जरूरत होती है।
- इसकी फसलें जल्दी तैयार होती हैं, जिससे किसानों को शीघ्र आमदनी होती है।
- बाजार में धनिया, सौंफ, मेथी जैसी फसलों की मांग हमेशा बनी रहती है।
- किसानों को मंडी में अच्छा भाव मिल सकता है।
- राज्य सरकार की सब्सिडी से लागत भी कम आएगी, जिससे मुनाफा ज्यादा होगा।

📌 योजना क्यों है किसानों के लिए लाभकारी?
बिहार जैसे राज्य में जहां खेती पर निर्भरता अधिक है और संसाधनों की सीमाएं भी हैं, वहां मसाला फसलों की खेती किसानों को अधिक लाभ दे सकती है। जलवायु और मिट्टी की उपयुक्तता के चलते मसाले अच्छी उपज देते हैं।
इस योजना के जरिए किसान न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं बल्कि बाजार की मांग के अनुसार फसल उगाकर सीधे लाभ कमा सकते हैं।
महत्वपूर्ण लिंक:
‘बीज मसाले की योजना’ बिहार सरकार की एक सकारात्मक पहल है जो किसानों को परंपरागत खेती से आगे बढ़कर अधिक मुनाफे वाली मसाला फसलों की ओर आकर्षित करती है। सरकार द्वारा दी जा रही 40% सब्सिडी से किसानों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वे नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
अगर आप भी बिहार के किसान हैं और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी चाहते हैं, तो इस योजना में समय रहते आवेदन जरूर करें।