Shivraj Singh Chauhan: अब आएंगे किसानों के अच्छे दिन! बिना जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

Bharti gour

Shivraj Singh Chauhan: अब आएंगे किसानों के अच्छे दिन! बिना जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ
WhatsApp Group Join Now

Shivraj Singh Chauhan – केंद्र सरकार ने किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। अब जो किसान किराए पर ज़मीन लेकर खेती करते हैं यानी टेनेंट फार्मर हैं, उन्हें भी सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में बोलते हुए बताया कि किसानों को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से लेकर फसल बीमा योजना तक में बड़ी राहत दी जा रही है।

कृषि क्षेत्र में हो रहे इन सुधारों का मकसद साफ है—किसानों की मेहनत का पूरा दाम देना और कृषि को एक फायदे का सौदा बनाना। आइए, जानते हैं क्या हैं सरकार के बड़े कदम और किसानों को किस तरह मिलेगा सीधा फायदा।


किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 6 प्रमुख कदम

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए छह अहम फैसले लिए हैं:

  1. उत्पादन बढ़ाना: वैज्ञानिक तरीकों और आधुनिक तकनीक से फसल उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।
  2. लागत घटाना: खेती में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर सब्सिडी देकर खर्च कम किया जा रहा है।
  3. उचित मूल्य मिलना: किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिले, इसके लिए एमएसपी में सुधार हुआ है।
  4. नुकसान की भरपाई: प्राकृतिक आपदा या फसल खराब होने पर बीमा योजना से मदद दी जा रही है।
  5. कृषि का विविधीकरण: सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित नहीं, बल्कि फल, सब्जी, औषधीय पौधों, मत्स्य और पशुपालन को बढ़ावा।
  6. सहायक योजनाएं: किसानों को ड्रिप इरिगेशन, ग्रीनहाउस जैसी सुविधाएं भी मिल रही हैं।
Shivraj Singh Chauhan: अब आएंगे किसानों के अच्छे दिन! बिना जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

रिकॉर्ड उत्पादन और बढ़ती हुई आमदनी

पिछले दस सालों में भारत का कृषि उत्पादन लगातार बढ़ा है:

  • फसलों का कुल उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर 353.96 मिलियन टन हुआ है।
  • दालों का उत्पादन 16.38 मिलियन टन से 25.24 मिलियन टन हो गया।
  • तिलहन का उत्पादन 27.51 मिलियन टन से 42.61 मिलियन टन तक पहुंचा है।
  • बागवानी क्षेत्र में भी उछाल आया है—280.70 मिलियन टन से 367.72 मिलियन टन

दूध उत्पादन और अन्य क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मंत्री ने दावा किया कि कई किसानों की आय दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है।


किसानों के लिए बजट में भारी इजाफा- Shivraj Singh Chauhan

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि पहले की यूपीए सरकार के समय कृषि बजट केवल 27,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 10 करोड़ किसानों को सालाना ₹6000 की आर्थिक मदद दी जा रही है।
  • 2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी उर्वरकों पर दी जा रही है।
  • 25 लाख करोड़ रुपये का संस्थागत कृषि लोन अब किसानों को उपलब्ध हो रहा है, जो पहले केवल 7 लाख करोड़ था।

किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को राहत

अभी तक कई योजनाओं का लाभ सिर्फ ज़मीन के मालिक को ही मिलता था, लेकिन अब टेनेंट फार्मर यानी जो किराए पर ज़मीन लेकर खेती करते हैं, वो भी लाभार्थी बन सकेंगे।

  • अगर ज़मीन मालिक अधिकृत कर दे, तो किराए पर खेती करने वाला किसान भी फसल बीमा योजना का लाभ उठा सकता है।
  • ऐसे किसान एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइज़ेशन) के सदस्य भी बन सकते हैं और सरकारी खरीद प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।

हाल में ही सरकार ने 6.55 लाख शेयर क्रॉपर्स और 41.62 लाख टेनेंट फार्मर्स को योजनाओं से जोड़कर लाभ पहुंचाया है।

Shivraj Singh Chauhan: अब आएंगे किसानों के अच्छे दिन! बिना जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

एमएसपी में जबरदस्त बढ़ोतरी

सरकार ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में काफी वृद्धि की है। 2013-14 की तुलना में आज एमएसपी लगभग दोगुनी हो चुकी है:

  • धान: ₹1310 → ₹2369
  • बाजरा: ₹1250 → ₹2775
  • तुअर: ₹4300 → ₹8000
  • मूंग: ₹4500 → ₹8768
  • मूंगफली: ₹4000 → ₹7263
  • सूरजमुखी: ₹3700 → ₹7721
  • सोयाबीन: ₹2560 → ₹5328
  • तिल: ₹4500 → ₹9846
  • कपास: ₹3700 → ₹7710

इसके साथ ही पीएम आशा योजना के तहत तुअर, मसूर और उड़द जैसी दालें 100% एमएसपी पर खरीदी जाएंगी। दलहन और तिलहन की खरीद के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है।


बीमा योजना को और प्रभावी बनाया गया

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार किए गए हैं ताकि किसानों को समय पर भुगतान मिल सके।

  • अगर बीमा कंपनी 21 दिन में क्लेम का भुगतान नहीं करती तो 12% ब्याज देना होगा, जो सीधे किसान को मिलेगा।
  • अगर राज्य सरकार अपनी हिस्सेदारी समय पर नहीं देती तो उस पर भी ब्याज लगेगा।
  • अब क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट की जगह सैटेलाइट आधारित फसल मूल्यांकन प्रणाली शुरू की गई है, जिससे नुकसान का सही अनुमान लगेगा और भुगतान में पारदर्शिता आएगी।

किसानों के लिए तकनीक और सब्सिडी

सरकार अब किसानों को ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर, ग्रीनहाउस, पॉलीहाउस जैसी आधुनिक तकनीकों पर सब्सिडी दे रही है। इससे जल की बचत भी होती है और उत्पादन भी बढ़ता है।


किसान अब बदलाव के केंद्र में

शिवराज सिंह चौहान के बयान से साफ है कि मौजूदा सरकार किसानों को केवल “लाभार्थी” नहीं बल्कि “सशक्त भागीदार” बनाना चाहती है। टेनेंट फार्मर से लेकर छोटे और सीमांत किसान तक, सभी के लिए योजनाएं तैयार हैं। MSP में बढ़ोतरी हो या बीमा भुगतान में पारदर्शिता – इन सभी प्रयासों से भारतीय किसान का भविष्य उज्जवल होता नजर आ रहा है।

Leave a Comment