Raising and Accelerating MSME Scheme: अब आपके बिजनेस को मिलेंगे नए पखं, मोदी सरकार ने RAMP योजना के लिए दिए 6062 करोड़। सरकार ने “राइजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई प्रदर्शन” (आरएएमपी) नामक नई योजना को अनुमोदन दिया है। इसके लिए 6,062.45 करोड़ रुपये (808 मिलियन डॉलर) की मंजूरी दी गई है। इस योजना की शुरुआत की उम्मीद वित्तीय वर्ष 2022-23 में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एमएसएमई सेक्टर को बड़ी राहत प्रदान करने वाली एक योजना को मंजूरी दी। सरकार ने इस नई योजना “राइजिंग और एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस” (रैंप) के लिए 6,062.45 करोड़ रुपये (808 मिलियन डॉलर) का बजट मंजूर किया है।
इस प्रोग्राम को विश्व बैंक की सहायता से आरंभ किया जाएगा। यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू होने की उम्मीद है। कुल 6,062.45 करोड़ रुपये के व्यय में 3750 करोड़ रुपये ($500 मिलियन) का ऋण विश्व बैंक से प्राप्त किया जाएगा। शेष राशि 2312.45 करोड़ ($308 मिलियन) की राशि भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार, 30 जून को विज्ञान भवन में ‘उद्यमी भारत कार्यक्रम’ के अंतर्गत छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यमों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि ‘एमएसएमई’ उनके लिए महत्वपूर्ण है, और उन्हें अधिक समर्थन प्राप्त करना चाहिए।

क्या है Raising and Accelerating MSME Scheme ?
- रैंप योजना एक विश्व बैंक सहायता से समर्थित केंद्रीय क्षेत्र की एक उत्कृष्ट योजना है। इस योजना के अंतर्गत, सूक्ष्म, लघु, और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत विभिन्न योजनाएं आयोजित की जाएगी। रैंप कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्यों में एमएसएमई कवरेज को बढ़ाना है।
- इस प्रोग्राम का उद्देश्य बाजार और ऋण पहुंच को सुधारना है। केंद्र और राज्य सरकारों को सशक्त बनाना, केंद्र-राज्य संबंधों और साझेदारी में सुधार करना, विलंबित भुगतान के मुद्दों को संबोधित करना, और एमएसएमई को सुदृढ़ करना है।
- RAMP प्रोग्राम ने उस समय जब MSME योजनाओं को कोरोना संकट की चुनौतियों से गुजरना है, उनके प्रभाव को कम करने के लिए प्रयास किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम के अतिरिक्त, यह क्षमता विकास, स्कीम विकास, गुणवत्ता को बढ़ाना, तकनीकी उन्नयन के साथ इससे जुड़े सभी कामों को बढ़ावा देगा।
- RAMP भारत के आत्मनिर्भरता मिशन के संगठनात्मक अंग के रूप में काम करेगा, जो उद्योग मानकों, एमएसएमई की प्रतिस्पर्धा और आत्मनिर्भरता, निर्यात बढ़ाने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा।
- देशभर में RAMP प्रोग्राम अनुभव कर रहे सभी 6 करोड़ उद्यमों को सीधे या परोक्ष रूप से लाभ पहुंचाएगा, जिनमें से 5,55,000 एमएसएमई को विशेष रूप से बेहतर प्रदर्शन के लिए लक्षित किया गया है।
- इसके साथ ही, योजना का हिस्सा होकर सेवा क्षेत्रों को विस्तारित करने का लक्ष्य है, और लगभग 70,500 महिला एमएसएमई की तैयारी की जा रही है।
- योजना का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई प्रोग्राम के संस्थानों और शासन को मजबूत करना है।
- बाजार तक पहुँच, उत्पादकता की क्षमता और वित्त पहुँच को बढ़ाना इसका मुख्य लक्ष्य है।
- RAMP का महत्वपूर्ण घटक रणनीतिक निवेश योजना (SIP) तैयार करना है, जिसमें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया जाएगा, और SIP के तहत RAMP की खोज कर MSME की सहायता की जाएगी।

Raising and Accelerating MSME Scheme के फायदे
उन्होंने ‘एमएसएमई कामप्रदर्शन बढ़ाने और उसमें तेजी लाने के लिए रैंप’ योजना की शुरुआत की और इसके लिए 6,062.45 करोड़ रुपये का आवंटन किया। यह योजना केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता में 30 मार्च, 2022 को मंजूरी पाई थी और इसके लिए विश्व बैंक से 808 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता मिली थी। इसके तहत ऋण की राशि 3,750 करोड़ रुपये थी जो विश्व बैंक से मिली थी, और बाकी धन 2,312.45 करोड़ रुपये की भारत सरकार देगी। यह योजना वित्त वर्ष 2022-23 में शुरू की जाएगी। रैंप (RAMP) योजना एक केंद्रीय सरकारी योजना है जो छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) को विकसित करने और प्रोत्साहित करने के लिए विश्व बैंक की सहायता से शुरू की गई है।
किसे मिलेगा Raising and Accelerating MSME Scheme का लाभ
यह योजना उन MSMEs के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए है जो कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुए हैं। इसका मुख्य लक्ष्य उन्हें बाजार और ऋण उपलब्धता में सुधार करना है। इसके अलावा, यह योजना MSME मंत्रालय के साथ मिलकर संस्थाओं और अधिकारों को मजबूती देने, केंद्र-राज्य के संबंधों में सुधार करने, भुगतान के मुद्दों का समाधान करने, और MSME को पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी लक्ष्य रखती है। इसके अलावा, यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर MSME को मजबूती देने, राज्यों में कार्यान्वयन क्षमता और MSME कवरेज को बढ़ाने की कोशिश करेगी।

रैंप योजना के माध्यम से, विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता निर्माण, कौशल विकास, गुणवत्ता संवर्धन, तकनीकी उन्नति, डिजिटलीकरण, और बाजार प्रमोशन की गई समर्थन होगी। इसके अलावा, राज्यों को नौकरी सृजन की दिशा में सहायता प्रदान की जाएगी, वित्तीय संस्थाएं समर्थित की जाएंगी, और कमजोर वर्गों और हरित पहल को बढ़ावा दिया जाएगा। यह योजना विशेष रूप से उन राज्यों के लिए महत्वपूर्ण है जहां MSME सेक्टर की कमी है, और उन्हें प्रेरित करने के लिए उनको प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत, राज्यों की निवेश योजनाओं की रणनीति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।