Laapataa ladies Review: किरण राव के डायरेक्शन में बनी लापता लेडीज कम बजट और बिना किसी सुपरस्टार के भी कर रही कमाल

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Laapataa ladies Review: किरण राव के डायरेक्शन में बनी लापता लेडीज कम बजट और बिना किसी सुपरस्टार के भी कर रही कमाल
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Laapataa ladies Review: किरण राव के डायरेक्शन में बनी लापता लेडीज कम बजट और बिना किसी सुपरस्टार के भी कर रही कमाल। आमिर खान एक परफेक्शनिस्ट हैं, इस बात को हम सभी जानते हैं। उन्होंने अपनी फिल्मों में अपनी क्षमताओं का परिचय किया है, समय लगाकर काम किया है, और अब यही धारणा उनकी प्रोडक्शन में भी है। आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म “लापता लेडीज” में उनकी विशेषता दिखाई जाती है, जिसमें डायरेक्टर किरण राव ने उनके क्षमताओं को प्रकट किया है। यहाँ यह बात स्पष्ट है कि आमिर खान के साथ यह अनुभव अन्य चीजों के बिना हो रहा है, जैसे कि बड़े सितारों, बड़े सेट या महंगे कॉस्ट्यूम।

किरण राव ने दिखाया है कि वह आमिर की एक्सपर्टाइज को बिना किसी अतिरिक्त अवसर के उपयोग करते हुए समझते हैं, और इससे प्रेरित होकर वह बॉलीवुड में और अधिक बड़ा और बेहतरीन काम कर सकती हैं। यह कहानी एक ट्रेन के सफर के बारे में है, जिसमें दो नए जोड़े शामिल होते हैं जिनकी हाल ही में शादी हुई है। दोनों दुल्हनों के चेहरे पर बड़े सा घूंघट होता है, जो उनकी नयी शादी की शोभा को और भी बढ़ाता है। ट्रेन की रफ्तार में तेजी और उतार-चढ़ाव की वजह से, दोनों दुल्हन एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं, और उन्हें ढूंढ़ने का कोई रास्ता नहीं मिलता। इसके बाद क्या होता है, यह उनकी लापता होने की कहानी है।

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Laapataa ladies Review: किरण राव के डायरेक्शन में बनी लापता लेडीज कम बजट और बिना किसी सुपरस्टार के भी कर रही कमाल

Laapataa ladies Review

ट्रेलर से कहानी का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है, लेकिन हम आपको यही कह सकते हैं कि इस अद्भुत कहानी को देखने के लिए सिनेमा हॉल में जरूर जाएं। फिल्म की बात करें, तो यह उस तरह की कहानी है जो हमें यह बताती है कि अगर कहानी को सही तरीके से पेश किया जाए तो उसमें कलाकार का नाम कोई मायने नहीं रखता। यहाँ, फिल्म में कोई खान, कोई कपूर, या कोई कुमार नहीं हैं, लेकिन कहानी की रफ्तार में और साहित्यिकता में दम है। फिल्म की दो घंटे की ड्यूरेशन में, 15 मिनट में ही मुद्दों पर जोर दिया जाता है और हर पल कहानी को आगे बढ़ाता है।

फिल्म न केवल मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश को भी बेहतरीन ढंग से समझाती है। हर किरदार फिल्म के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है, जैसे कि एक होटल में बर्तन धोने वाला छोटा लड़का भी। फिल्म ने इस मुद्दे को बहुत ही ज़बरदस्त ढंग से प्रस्तुत किया है, जिससे दर्शकों को गहरा संदेश मिलता है लेकिन वह उन्हें संवादों और कलाकारों की मजेदार उपस्थिति के माध्यम से लेते हैं। फिल्म आपको रुलाती है, हंसाती है, और आपको सोचने पर मजबूर करती है। अभिनेता स्पर्श श्रीवास्तव ने अपने प्रदर्शन में वास्तविक चमक दिखाई है, जो उन्हें एक अद्वितीय किरदार के रूप में दर्शकों के सामने प्रस्तुत करता है।

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Laapataa ladies Review का परफॉर्मेस

उनकी बॉडी लैंग्वेज और एक्टिंग का तरीका आपको आश्चर्यचकित कर देगा। फिल्म के सभी कलाकार नए हैं लेकिन अभिनेत्री प्रतिभा रांटा ने पुष्पा रानी के किरदार में जीवन भर दिखा दिया है। उनकी भूमिका रहस्यमय है और वे इसे बेहतरीन ढंग से निभाती हैं। स्पर्श श्रीवास्तव ने भी दीपक कुमार के किरदार को बेहतरीन ढंग से निभाया है। नितांशी गोयल ने भी फूल कुमारी का किरदार पूरी नटकीयता के साथ अदाकारी की है। रवि किशन ने अपने पुलिस ऑफिसर श्याम मनोहर के किरदार को बखूबी निभाया है।

छाया कदम और दुर्गेश कुमार ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। फिल्म के अन्य कलाकारों का काम भी सराहनीय है। लापता लेडीज एक उत्कृष्ट सोशल कॉमेडी फिल्म है जो न केवल मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि आपको अच्छे संदेश के साथ-साथ सोचने पर मजबूर करती है। फिल्म देखते समय आपको इस बारे में भी महसूस नहीं होगा कि आपने कितना कुछ सीख लिया है। अगर आप ऐसी फिल्में पसंद करते हैं जो आपको मनोरंजन के साथ ही अच्छे संदेश भी देती हैं, तो यह फिल्म आपके लिए सबसे उत्तम विकल्प हो सकती है।

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