Indira Priyadarshini Award: राजस्थान में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साल 2010-11 में शुरू की गई ‘इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना’ एक बार फिर सुर्खियों में है। इस योजना का नाम तीसरी बार बदला गया है और इस बार इनाम की राशि में भी बड़ी कटौती कर दी गई है। इसके अलावा, पहले मिलने वाली स्कूटी की सुविधा को भी अब हटा दिया गया है।
योजना की शुरुआत कब और क्यों हुई थी?
इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना राज्य की होनहार बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 2010-11 में शुरू की गई थी। इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लागू किया था। योजना के तहत हर साल राज्य की लगभग 1200 से 1300 मेधावी छात्राओं को नकद पुरस्कार दिया जाता रहा है।
पहले क्या मिलता था?
पूर्व में 8वीं, 10वीं और 12वीं की बालिकाओं को उनके अच्छे प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कार राशि और स्कूटी दी जाती थी।
- 8वीं की छात्रा: ₹40,000
- 10वीं की छात्रा: ₹75,000
- 12वीं की छात्रा: ₹1,00,000 + एक स्कूटी
अब क्या बदल गया?
हाल ही में जारी आदेश के अनुसार योजना का नाम एक बार फिर से ‘पद्माक्षी पुरस्कार योजना’ कर दिया गया है। इसके साथ ही इनाम की राशि में भी कटौती की गई है और स्कूटी देने की सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई है।

नई पुरस्कार राशि इस प्रकार है:
- 8वीं की छात्रा: ₹25,000
- 10वीं की छात्रा: ₹50,000
- 12वीं की छात्रा: ₹75,000
अब यह पुरस्कार हर साल वसंत पंचमी के अवसर पर दिए जाएंगे, जबकि पहले इन्हें 19 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्मदिन पर दिया जाता था।
स्कूटी की सुविधा क्यों हटाई गई?
सरकार ने स्कूटी की सुविधा को हटाने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट में कटौती और योजना के खर्च को सीमित करने के चलते यह फैसला लिया गया है।
पात्रता की शर्तें क्या हैं?
इस योजना के तहत पुरस्कार पाने के लिए छात्राओं को कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है:
- कम से कम 60% अंक या 9 CGPA से अधिक होना अनिवार्य है।
- यह योजना जनरल, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (obc), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, अल्पसंख्यक, बीपीएल और दिव्यांग छात्राओं के लिए है।
- मान्यता प्राप्त बोर्ड जैसे राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8, 10 और 12वीं, संस्कृत शिक्षा विभाग की प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षाएं और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की 12वीं कक्षा (साइंस स्ट्रीम) की छात्राएं पात्र होंगी।
स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल की छात्राओं को केवल तब यह पुरस्कार मिलेगा जब उनके अंक 9 CGPA से अधिक होंगे।
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संचालन कौन करेगा?
इस योजना का संपूर्ण प्रबंधन और खर्च राजस्थान बालिका शिक्षा फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा।
योजना में बदलाव पर क्या कहता है समाज?
इस योजना में की गई कटौती को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में मिलाजुला प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि स्कूटी जैसी सुविधाओं को हटाने से बालिकाओं को उच्च शिक्षा तक पहुंचने में कठिनाई हो सकती है, वहीं कुछ लोग इसे आर्थिक संतुलन बनाने की जरूरत के रूप में देख रहे हैं।
Indira Priyadarshini Award
राजस्थान सरकार की यह योजना भले ही छात्राओं को प्रोत्साहित करने की मंशा से शुरू की गई थी, लेकिन हाल के बदलावों से इसके लाभ में काफी गिरावट आई है। नाम में बदलाव से ज्यादा इनाम में कटौती और स्कूटी की सुविधा हटाया जाना ज्यादा असर डाल सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस योजना में और क्या बदलाव होते हैं और छात्राओं की प्रतिक्रिया क्या रहती है।