डोनाल्ड ट्रम्प को भारत की दो टूक “मंजूर नहीं कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता”

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डोनाल्ड ट्रम्प को भारत की दो टूक "मंजूर नहीं कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता"
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नई दिल्ली – भारत सरकार ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने साफ शब्दों में कहा है कि जम्मू-कश्मीर एक आंतरिक और द्विपक्षीय मुद्दा है, जिसमें किसी तीसरे देश की भूमिका स्वीकार नहीं की जा सकती।

आपको बता दें डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान यह दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है। हालांकि, भारत ने तुरंत इस दावे का खंडन किया था और अब दोबारा स्पष्ट किया है कि भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।

डोनाल्ड ट्रम्प को भारत की दो टूक "मंजूर नहीं कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता"

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भारत का सख्त रुख: कश्मीर हमारा आंतरिक मामला

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस वार्ता में कहा,

“भारत हमेशा से यह मानता है कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है, और न ही भारत इसे स्वीकार करेगा।”

यह बयान भारत की संप्रभुता और कूटनीतिक नीति की दृढ़ता को दर्शाता है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार यही रुख अपनाया है, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र हो या अन्य वैश्विक संगठन।

डोनाल्ड ट्रम्प को भारत की दो टूक "मंजूर नहीं कश्मीर पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता"

पाकिस्तान का प्रयास और भारत की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने कई बार वैश्विक नेताओं और संगठनों को कश्मीर मुद्दे में हस्तक्षेप के लिए आमंत्रित किया है, लेकिन भारत ने हर बार इसे दृढ़ता से नकारा है। भारत का मानना है कि बातचीत तभी संभव है जब आतंकवाद और सीमा पार हिंसा को रोका जाए।

भारत की नीति में कोई बदलाव नहीं

डोनाल्ड ट्रम्प या किसी अन्य वैश्विक नेता की ओर से मध्यस्थता की पेशकश भले ही कूटनीतिक चर्चा का विषय बनती हो, लेकिन भारत की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट और अडिग है — कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें किसी बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं

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