Crude oil in Andaman: भारत को अंडमान सागर में मिला 2 लाख करोड़ लीटर तेल का भंडार, GDP 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की संभावना। जानिए क्या है पेट्रोलियम मंत्री की बड़ी घोषणा और इसका असर।
कच्चे तेल का खजाना: भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी और उत्साहजनक खबर सामने आई है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जानकारी दी है कि अंडमान सागर में भारी मात्रा में कच्चे तेल का भंडार मिलने की संभावना जताई गई है। इस भंडार का अनुमानित आंकड़ा करीब 2 लाख करोड़ लीटर बताया जा रहा है।
पुरी का कहना है कि अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो इसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा होगा। देश की GDP जहां इस समय करीब 3.7 ट्रिलियन डॉलर है, वहीं यह नया तेल भंडार GDP को 20 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में मददगार हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्री बोले – आत्मनिर्भर ऊर्जा का सपना हो सकता है साकार

ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत
मंत्री ने कहा कि अंडमान सागर में मिले इस संभावित तेल भंडार से भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि भविष्य में तेल आयात पर निर्भरता काफी कम हो सकती है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत बनेगी।
ONGC और Oil India ने शुरू की खोज और ड्रिलिंग
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के आस-पास के समुद्री क्षेत्र में तेल की खोज और ड्रिलिंग का काम जोरों पर है। ONGC और ऑयल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ सर्वे और खुदाई में लगी हुई हैं। सरकार भी इस अभियान को पूरी मजबूती से आगे बढ़ा रही है।
क्या गुयाना जैसे रिजर्व की उम्मीद?(Crude oil in Andaman)
हरदीप सिंह पुरी ने यह भी बताया कि अंडमान में मिला संभावित भंडार गुयाना के हालिया तेल रिजर्व जितना हो सकता है, जो करीब 11.6 बिलियन बैरल था। उन्होंने बताया कि अगर यह खोज सटीक निकली तो भारत का वैश्विक ऊर्जा बाज़ार में स्थान कहीं अधिक मज़बूत हो जाएगा।
रिकॉर्ड स्तर पर खुदाई: FY24 में ONGC ने बनाए नए रिकॉर्ड
वित्तीय वर्ष 2023-24 में ONGC ने 541 तेल कुओं की खुदाई की, जो पिछले 37 वर्षों में सबसे ज्यादा है। इस पर करीब ₹37,000 करोड़ रुपये का खर्च हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में गंभीरता से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहा है।

85% कच्चा तेल अब भी विदेशों से आता है
वर्तमान में भारत अपनी ज़रूरत का लगभग 85% कच्चा तेल विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से आयात करता है। अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक देश है। ऐसे में अगर अंडमान की यह खोज सफल होती है, तो भारत का इंपोर्ट बिल काफी घट सकता है।
देश के अन्य तेल क्षेत्र भी हो रहे हैं सक्रिय
अभी भारत में असम, गुजरात, राजस्थान, मुंबई और कृष्णा-गोदावरी बेसिन से कच्चे तेल का उत्पादन होता है। इसके अलावा भारत ने विभिन्न स्थानों जैसे विशाखापट्टनम, मैंगलोर और पुदुर में रिफाइंड ऑयल का बड़ा भंडार भी बनाया है। भविष्य में ओडिशा और राजस्थान में भी नए रिजर्व विकसित किए जा रहे हैं।
Crude oil in Andaman
अंडमान सागर में मिला यह संभावित कच्चे तेल का भंडार भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है। यदि यह खोज सफल रहती है, तो यह न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाएगी, बल्कि देश की आर्थिक संरचना को भी एक नई ऊंचाई तक ले जा सकती है।