Guru Purnima 2025 Shubh Muhurt, गुरु पूर्णिमा 2025: इस बार गुरु पूर्णिमा का शुभ पर्व गुरुवार, 10 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन उन गुरुओं और शिक्षकों को समर्पित होता है, जिन्होंने हमारे जीवन को सही दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। आषाढ़ महीने की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला यह पर्व अध्यात्म और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में बेहद खास माना जाता है।
🗓️ गुरु पूर्णिमा 2025 की तिथि और पूर्णिमा का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार:
- गुरु पूर्णिमा की तिथि: 10 जुलाई 2025 (गुरुवार)
- पूर्णिमा प्रारंभ: 10 जुलाई रात 01:36 बजे
- पूर्णिमा समाप्त: 11 जुलाई रात 02:06 बजे
🕯️ Guru Purnima 2025 के विशेष पूजा मुहूर्त
पूजा मुहूर्त | समय |
---|---|
ब्रह्मा मुहूर्त | सुबह 4:10 से 4:50 तक |
अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:59 से 12:54 तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 12:45 से 3:40 तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 7:21 से 7:41 तक |

📜 गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी बहुत अधिक है। भारतीय परंपरा में गुरु को ईश्वर से भी ऊपर माना गया है क्योंकि गुरु ही वह ज्योति है जो अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है।
🙏 गुरु पूर्णिमा की पौराणिक मान्यता
- यह दिन महर्षि वेदव्यास के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने चारों वेदों को व्यवस्थित किया और महाभारत जैसे महान ग्रंथ की रचना की।
- इसी कारण इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
🌏 गुरु पूर्णिमा का इतिहास – विभिन्न धर्मों में
✡️ हिंदू धर्म:
गुरु पूर्णिमा को महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। वेदों की व्याख्या और महाभारत की रचना उनके महान कार्यों में शामिल हैं।
☸️ बौद्ध धर्म:
इस दिन गौतम बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को सारनाथ में पहला उपदेश दिया था, जिससे संघ की स्थापना हुई।
🕉️ जैन धर्म:
जैन परंपरा के अनुसार, इसी दिन भगवान महावीर ने गौतम स्वामी को अपना पहला शिष्य बनाया और वे गुरु बने।
🧘♂️ गुरु पूर्णिमा के खास अनुष्ठान और परंपराएं
- आध्यात्मिक अनुयायी अपने गुरु के चरणों में समर्पण करते हैं।
- स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों द्वारा शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
- कई स्थानों पर वेदव्यास जी की चप्पल (खड़ाऊं) की पूजा की जाती है।
- कई बौद्ध अनुयायी इसी दिन ध्यान और तप का संकल्प लेते हैं।
🕉️ गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि (Puja Vidhi)
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजन स्थल को साफ करके वहां पीला वस्त्र बिछाएं।
- भगवान विष्णु और वेदव्यास जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- उन्हें हल्दी, चंदन, फूल, तुलसी, धूप-दीप आदि अर्पित करें।
- पंचामृत से अभिषेक करें और पीले फल अर्पित करें।
- मंत्रों का जाप करें और आरती करें।
🔯 गुरु पूर्णिमा पर जाप किए जाने वाले शुभ मंत्र (Mantras)
प्रकार | मंत्र |
---|---|
गुरु मंत्र | ॐ गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ |
गुरु बीज मंत्र | ॐ श्री गुरुभ्यो नमः |
गायत्री मंत्र | ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥ |
गुरु अष्टकम श्लोक | “गुरुरादिरनाथः गुरुं मध्यमं नाथमात्मप्रबोधाय देवं नमामि॥” |

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✨ गुरु पूर्णिमा के 10 शुभ उपाय (Totke & Upay)
- अपने जीवन के गुरु से आशीर्वाद लें।
- पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
- पीली वस्तुओं का दान करें (जैसे चना, हल्दी)।
- तुलसी की परिक्रमा करें और दीप जलाएं।
- घर में गुरु यंत्र स्थापित करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें।
- “कनकधारा स्तोत्र” या “श्रीसूक्त” का पाठ करें।
- पांच कन्याओं को फल, मिठाई या वस्त्र दान करें।
- गुरु मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
- शुद्ध और सात्त्विक भोजन का सेवन करें।
📚 गुरु का महत्व – संत कबीर के दोहों में
गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु अपने, गोविंद दियो बताए॥
गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोक्ष।
गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटै न दोष॥
इन दोहों से स्पष्ट है कि गुरु के बिना न ज्ञान संभव है और न ही मुक्ति।
🔮 आने वाले वर्षों में गुरु पूर्णिमा की तिथि
वर्ष | तारीख |
---|---|
2025 | 10 जुलाई |
2026 | 29 जुलाई |
2027 | 18 जुलाई |
2028 | 6 जुलाई |
2029 | 25 जुलाई |
2030 | 15 जुलाई |
2031 | 4 जुलाई |
❓FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. गुरु पूर्णिमा 2025 कब है?
📅 उत्तर: 10 जुलाई 2025, गुरुवार को।
Q2. गुरु का अर्थ क्या है?
📖 उत्तर: ‘गु’ का अर्थ है अंधकार और ‘रु’ का अर्थ है उसे दूर करने वाला। इस प्रकार गुरु वह है जो अज्ञान को मिटाकर ज्ञान प्रदान करता है।
Q3. क्या इस दिन सरकारी अवकाश रहता है?
🚫 उत्तर: यह दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश नहीं है, लेकिन कुछ संस्थान और आश्रम में छुट्टी हो सकती है।
Disclaimer: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारियों पर आधारित है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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