PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025: 24 हजार करोड़ की ऐतिहासिक योजना से किसानों को मिलेगा सस्ता कर्ज, भंडारण सुविधाएं और आधुनिक खेती के साधन।
PM Dhan Dhanya Krishi Yojana 2025 कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी
भारत सरकार ने खेती को उन्नत बनाने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इस योजना के तहत देश के 100 चयनित जिलों में आधुनिक कृषि तकनीक, भंडारण व्यवस्था और सस्ती वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसका लाभ लगभग दो करोड़ किसानों तक पहुंचेगा।
क्या है धन-धान्य कृषि योजना?
यह योजना कृषि क्षेत्र की समग्र उन्नति के लिए तैयार की गई है। 2025-26 से अगले छह वर्षों तक यह योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। इसका मकसद है खेती की उत्पादकता बढ़ाना, विविधता लाना और किसानों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ना। योजना की निगरानी की जिम्मेदारी नीति आयोग को दी गई है।
किन जिलों में लागू होगी योजना?
धन-धान्य कृषि योजना की रूपरेखा नीति आयोग के आकांक्षी जिलों के मॉडल पर आधारित है। जुलाई महीने के भीतर इन 100 जिलों का चयन कर लिया जाएगा। खास बात ये है कि हर राज्य से कम से कम एक जिला योजना में शामिल होगा।

पंचायत स्तर पर होगी भंडारण सुविधा
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस योजना का फोकस सिर्फ गेहूं, धान और गन्ने तक सीमित नहीं रहेगा। अब दलहन, तिलहन और नकदी फसलों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलों के भंडारण की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसानों को मंडी तक माल भेजने की जरूरत कम होगी और खर्च भी बचेगा।
छोटे किसानों को मिलेगा आसान कर्ज
इस योजना के तहत किसानों को सस्ते ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। खासतौर पर वे किसान जो अब तक आधुनिक उपकरणों का उपयोग नहीं कर पाए हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, सिंचाई योजनाओं का विस्तार भी किया जाएगा ताकि जल की उपलब्धता खेती में बाधा न बने।
11 मंत्रालयों की 36 योजनाएं एक साथ
प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना को एक बड़ी समेकित योजना के रूप में देखा जा रहा है। इसके अंतर्गत 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाएं समाहित की जाएंगी। इसका लाभ यह होगा कि किसानों को सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर – ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के माध्यम से मिल सकेंगी। निजी क्षेत्र की भागीदारी भी इस योजना में होगी।
हर जिले के लिए होगा नोडल अफसर
सरकार हर जिले में योजना के संचालन के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगी। यह अधिकारी जिला स्तर पर योजना के कार्यान्वयन, निगरानी और तालमेल का जिम्मा संभालेगा।
कृषि मंत्री ने बताया ‘गेमचेंजर’
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को ‘गेमचेंजर’ बताया है। उनके अनुसार देश में खाद्यान्न, सब्जियों और दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तो हुई है, लेकिन राज्यों और जिलों के बीच उत्पादकता में भारी असमानता बनी हुई है। इस योजना के जरिए उन्हीं जिलों को चुना जाएगा, जहां फसलों की उत्पादकता और वित्तीय पहुंच कम है।

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जिला-स्तरीय समितियों का गठन
योजना के बेहतर संचालन के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों में किसानों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे, ताकि योजना की जमीनी सच्चाई और आवश्यकताओं को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
नीति आयोग तैयार करेगा प्रगति रिपोर्ट
नीति आयोग द्वारा चयनित जिलों के लिए कुछ मूल्यांकन मानक तय किए जाएंगे, जिनके आधार पर योजना की प्रगति की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके लिए डिजिटल डैशबोर्ड की मदद से रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। यह प्रक्रिया रबी फसल सीजन (अक्टूबर 2025) से शुरू होगी।
किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना निश्चित तौर पर भारतीय कृषि प्रणाली को नई दिशा देने वाली योजना है। इससे न केवल छोटे और पिछड़े किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी, वित्तीय और बुनियादी ढांचे का बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यदि योजना सही ढंग से लागू होती है, तो यह ‘100 जिलों की खेती की तस्वीर’ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के कृषि भविष्य को बदलने की क्षमता रखती है।







