मौत के मलबे में जिंदगी की तलाश!! Uttarkashi में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 274 जिंदगियाँ बचीं

jagatexpress.com

मौत के मलबे में जिंदगी की तलाश!! Uttarkashi में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 274 जिंदगियाँ बचीं
WhatsApp Group Join Now

Uttarkashi : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से आई भीषण तबाही का आज तीसरा दिन है। राहत और बचाव कार्य पूरी तेजी से चल रहा है। सेना, पुलिस, NDRF और स्थानीय प्रशासन मिलकर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।

पर्वतीय क्षेत्र उत्तरकाशी में हाल ही में हुई जलप्रलय के बाद हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। आज यानी गुरुवार को बचाव अभियान का तीसरा दिन है और अब तक 274 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। राहत की बात यह है कि इनमें से किसी को गंभीर चोट नहीं आई है। लेकिन दूसरी ओर, मलबे से दो और शव मिलने के बाद मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है।


तीसरे दिन भी तेज़ी से चल रहा है Uttarkashi रेस्क्यू ऑपरेशन

उत्तरकाशी के हर्षिल, धराली और गंगनानी जैसे इलाकों में सेना, ITBP, SDRF, NDRF और पुलिस के जवान लगातार सर्च और बचाव अभियान चला रहे हैं। पहाड़ी रास्तों में फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है।

अब तक 135 से अधिक लोगों को सुरक्षित हर्षिल से बाहर निकाला जा चुका है। इनमें से 100 को उत्तरकाशी और 35 को देहरादून भेजा गया है।


जिलाधिकारी मौके पर मौजूद, राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं

जिलाधिकारी प्रशांत आर्य खुद मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उनका नेतृत्व प्रशासनिक टीम के लिए संबल का काम कर रहा है। हर्षिल में फंसे यात्रियों को हेलीकॉप्टर के ज़रिए मातली हैलीपैड तक लाया जा रहा है।

गंगनानी में जो पुल पूरी तरह से बह गया था, उसकी जगह BRO (सीमा सड़क संगठन) वैली ब्रिज तैयार कर रहा है। इसके लिए पापड़ गाड़ क्षेत्र की लगभग 500 मीटर की क्षतिग्रस्त सड़क को मरम्मत किया जा रहा है। जैसे-जैसे सड़क बनती जा रही है, मशीनरी को आगे बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में ये मशीनें पापड़ गाड़ से लगभग एक घंटे की दूरी पर हैं।

मौत के मलबे में जिंदगी की तलाश!! Uttarkashi में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 274 जिंदगियाँ बचीं

दो और शव मिले, मृतकों की संख्या बढ़कर 7 हुई

गुरुवार को राहत कार्यों के दौरान मलबे से दो शव निकाले गए। इसके साथ ही अब तक कुल सात लोगों की जान जा चुकी है। वहीं दो गंभीर रूप से घायल लोगों को मातली से एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।


हर्षिल पहुंचा चिनूक हेलीकॉप्टर

बचाव अभियान को और गति देने के लिए वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर भी हर्षिल पहुंच चुका है। इसके जरिए एनडीआरएफ के जवानों, राहत सामग्री और जरूरी उपकरणों को प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाया गया है।


मुख्यमंत्री धामी ने अस्पताल जाकर प्रभावितों से मुलाकात की

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी स्थित अस्पताल पहुंचकर आपदा में घायल और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों की स्थिति की जानकारी ली और सभी को उचित इलाज देने के निर्देश भी दिए।


गंगोत्री क्षेत्र से 274 पर्यटक सुरक्षित निकाले गए

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने जानकारी दी है कि गंगोत्री और उसके आस-पास के क्षेत्रों से अब तक 274 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। ये सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित हैं और इन्हें उत्तरकाशी और देहरादून भेजा जा रहा है।

राज्यों के अनुसार सुरक्षित पर्यटकों की संख्या इस प्रकार है:

  • गुजरात: 131
  • महाराष्ट्र: 123
  • मध्य प्रदेश: 21
  • उत्तर प्रदेश: 12
  • दिल्ली: 7
  • राजस्थान: 6
  • कर्नाटक: 5
  • आसाम: 5
  • तेलंगाना: 3
  • पंजाब: 1

इन सभी को प्राथमिक चिकित्सा और भोजन उपलब्ध कराया गया है। प्रशासन उनके घर संपर्क करने में मदद कर रहा है।

मौत के मलबे में जिंदगी की तलाश!! Uttarkashi में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 274 जिंदगियाँ बचीं

लापता लोगों की सूची आई सामने

धराली हादसे में लापता हुए लोगों की पहचान अब सामने आने लगी है। इनमें मुकेश पंवार (36), उनकी पत्नी विजेता पंवार (33), बेटा अंकित पंवार (4), और होटल के कर्मचारी लोकेन्द्र सिंह और धनवीर सिंह शामिल हैं। इनके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।


प्रशासन का प्रयास और चुनौतियाँ

उत्तरकाशी की भौगोलिक परिस्थितियाँ राहत कार्यों में बड़ी बाधा हैं। संकरी और टूट चुकी सड़कों, टूटे पुलों और लगातार हो रही बारिश के कारण बचाव अभियान में कठिनाई हो रही है। बावजूद इसके, जिला प्रशासन और सभी सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही हैं।


समापन विचार: अभी भी ज़रूरत है सतर्कता की

उत्तरकाशी की आपदा ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की अचानक तबाही से जान-माल को कितना नुकसान हो सकता है। हालांकि राहत की बात यह है कि समय पर की गई कार्रवाइयों से सैकड़ों जानें बचाई गई हैं। लेकिन अभी भी कुछ लोग लापता हैं और मौसम की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

प्रशासन, सेना, राहत एजेंसियाँ और स्वयंसेवक इस आपदा से निपटने में अपना पूरा प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों में सभी लापता लोगों का पता चल जाएगा और स्थिति सामान्य हो पाएगी।

Leave a Comment