उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार को हुई मूसलधार बारिश और बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। धराली, हर्षिल और सुक्खी टॉप जैसे पर्यटन स्थल भारी आपदा की चपेट में आ गए हैं। इस आपदा से अब तक 130 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, जबकि कम से कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। साथ ही सेना के 10 जवानों समेत कई लोग लापता बताए जा रहे हैं।
धराली में मचा हाहाकार, खीरगंगा नदी बनी विनाश की धारा
बताया जा रहा है कि धराली के ऊंचाई वाले क्षेत्र में बादल फटने से खीरगंगा नदी में अचानक पानी का सैलाब आ गया, जिसने पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। पानी के तेज बहाव के साथ आए मलबे ने 20 से अधिक होटल, घर और होमस्टे को ध्वस्त कर दिया। इन इमारतों की हालत ऐसी हो गई जैसे ताश के पत्ते गिर गए हों। गांव का आधा हिस्सा कीचड़ और मलबे में दब गया है।
सेना, SDRF और NDRF कर रहे मोर्चा संभाल
आपदा के बाद से सेना, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में पूरी ताकत झोंक चुके हैं। सेना की 14वीं RAJRIF यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन 150 जवानों के साथ फील्ड में डटे हुए हैं और लगातार लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य कर रहे हैं।
लापता लोगों की तलाश में शव खोजी कुत्तों की टीम तैनात
जिन लोगों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, उन्हें तलाशने के लिए ADRF ने दिल्ली से शव खोजी कुत्तों की विशेष टीम मंगवाई है। इसके अलावा, उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों से तीन टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं, जिनमें प्रत्येक में 35-35 प्रशिक्षित बचावकर्मी शामिल हैं।

सुक्की और धराली – दोनों ओर बहा सैलाब
विशेषज्ञों के अनुसार, यह बाढ़ इसलिए और भयावह रही क्योंकि खीरगंगा नदी में आई बाढ़ एक ही पहाड़ी की दो दिशाओं में बह गई। एक धारा ने धराली गांव को निशाना बनाया, तो दूसरी सुक्की गांव की ओर बह गई। इस वजह से नुकसान का दायरा और अधिक बढ़ गया।
खराब मौसम बना राहत कार्य में बाधा
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश की वजह से भूस्खलन और रास्तों के कटाव की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इससे रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही है और राहत टीमों को मौके पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
राज्य आपदा कंट्रोल रूम से निगरानी
सरकार की ओर से स्टेट कंट्रोल रूम से पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है और लगातार अपडेट्स प्राप्त किए जा रहे हैं। सभी राहत टीमें एकजुट होकर युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।

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उत्तरकाशी रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे भी चिंताजनक बताए हैं। विभाग ने राज्य के कई जिलों – हरिद्वार, नैनीताल, और उधम सिंह नगर – में रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा चंपावत, बागेश्वर, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी और देहरादून में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड की प्रकृति पर फिर कहर
धराली गांव, जो कि गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले स्थित है और चारधाम यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है, अब मलबे का ढेर बन चुका है। यहां के निवासी और पर्यटक दोनों इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं। पूरे क्षेत्र में दहशत और अनिश्चितता का माहौल है।
उत्तरकाशी
उत्तराखंड के इस प्राकृतिक हादसे ने एक बार फिर यह जता दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम कितना खतरनाक रूप ले सकता है। प्रशासन की सतर्कता और सेना की तत्परता से कई जानें बच गईं, लेकिन अब भी कई लोगों की तलाश जारी है।