tulsi ki kheti: भारत में तुलसी न केवल एक पवित्र पौधा है, बल्कि यह आयुर्वेदिक दवाइयों और कॉस्मेटिक उत्पादों में भी उपयोग होता है। यही वजह है कि तुलसी की खेती (Tulsi Farming) आज के समय में एक लाभकारी और कम जोखिम वाला व्यवसाय बन गया है। अगर आप भी खेती के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहते हैं या कम जमीन में अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो तुलसी की खेती आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकती है।
इस पोस्ट में हम विस्तार से बताएंगे कि तुलसी की खेती कैसे करें, इसकी लागत कितनी आती है, कौन-कौन सी किस्में अच्छी हैं, देखभाल कैसे करें, और आखिर में इससे कितना मुनाफा कमाया जा सकता है।
🌱 तुलसी की खेती (tulsi ki kheti) की खास बातें
- तुलसी औषधीय और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पौधा है।
- इसकी खेती में पानी और उर्वरक की जरूरत कम होती है।
- यह खेती 6 महीने में तैयार हो जाती है।
- तुलसी के पत्तों से तेल निकाला जाता है, जिसका उपयोग दवा, साबुन, क्रीम, और परफ्यूम में होता है।
- इसके पत्तों की सुखाकर भी अच्छी कीमत मिलती है।

🌿 तुलसी की प्रमुख किस्में
- राम तुलसी (Ocimum sanctum)
- धार्मिक कार्यों में प्रयोग होती है।
- खुशबूदार और सामान्य उपयोग में लाई जाती है।
- कृष्णा तुलसी (Shyama Tulsi)
- इसमें औषधीय गुण ज्यादा होते हैं।
- इसका रंग थोड़ा गहरा और पत्तियां थोड़ी मोटी होती हैं।
- वन तुलसी
- अधिक मात्रा में तेल देती है।
- वाणिज्यिक उपयोग के लिए बेहतर होती है।
- Vana Tulsi (Wild Basil)
- ग्रीन हाउस या ऑर्गेनिक खेती के लिए उपयुक्त।
- विदेशी बाजार में मांग ज्यादा है।
📍 तुलसी की खेती के लिए जमीन और मौसम
- मिट्टी: दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की सुविधा हो सबसे अच्छी मानी जाती है।
- pH: मिट्टी का pH 6 से 7.5 होना चाहिए।
- मौसम: तुलसी गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी होती है।
वर्षा ऋतु के बाद यानी जुलाई-अगस्त इसकी बुवाई करना बेहतर होता है।
🌱 तुलसी की खेती का तरीका
1. बीज का चयन और बुवाई
- बीजों को 6-8 घंटे तक पानी में भिगोने के बाद बोएं।
- 1 एकड़ जमीन के लिए करीब 1 किलो बीज की जरूरत होती है।
- बीजों को पंक्ति से पंक्ति 40 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी रखें।
2. सिंचाई और देखभाल
- पहले 1 महीने में हर 10 दिन में पानी देना जरूरी है।
- बाद में 15 से 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
- अधिक पानी से जड़ सड़ सकती है, इसलिए जल निकासी का ध्यान रखें।
3. खाद और उर्वरक
- गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें।
- रासायनिक खाद कम से कम करें ताकि तुलसी की गुणवत्ता बनी रहे।
4. कीट और रोग नियंत्रण
- नीम तेल का छिड़काव करें।
- पाउडरी मिल्ड्यू या लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों से बचाने के लिए जैविक दवाओं का उपयोग करें।

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🧺 फसल की कटाई और उत्पादन
- तुलसी की पहली कटाई 90-100 दिनों में होती है।
- इसके बाद हर 30-40 दिन में दोबारा कटाई की जा सकती है।
- एक साल में 3 से 4 बार कटाई संभव है।
- एक एकड़ से उत्पादन:
- हरी पत्तियों के रूप में 8-10 क्विंटल तक
- सूखी पत्तियों के रूप में 2-3 क्विंटल तक
- तुलसी तेल: लगभग 15-20 किलो प्रति एकड़ (डिस्टिलेशन यूनिट से)
💰 तुलसी की खेती में लागत और मुनाफा
🌾 एक एकड़ तुलसी की खेती में संभावित खर्च:
खर्च का विवरण | अनुमानित लागत (₹) |
---|---|
बीज | 500 – 1,000 |
खेत की तैयारी | 2,000 – 3,000 |
खाद और जैविक उर्वरक | 3,000 – 5,000 |
सिंचाई | 1,500 – 2,000 |
कटाई और मजदूरी | 4,000 – 6,000 |
कुल लागत | लगभग ₹12,000 – ₹17,000 |
🤑 संभावित मुनाफा:
उत्पाद | अनुमानित आमदनी (₹) |
---|---|
तुलसी के सूखे पत्ते (3 क्विंटल @ ₹100-150/kg) | ₹30,000 – ₹45,000 |
तुलसी तेल (20 किलो @ ₹1500/kg) | ₹30,000 |
कुल आमदनी | ₹60,000 – ₹75,000 |
शुद्ध मुनाफा | ₹45,000 – ₹60,000 |
यदि तुलसी को प्रोसेस कर बेचें, जैसे कि ऑर्गेनिक पाउडर, तुलसी टी, या तेल, तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है।
🏪 तुलसी बेचने के बाजार और मार्केटिंग
- स्थानीय आयुर्वेदिक कंपनियां – पतंजलि, डाबर, झंडू जैसी कंपनियों को तुलसी की मांग होती है।
- Essential Oil Buyers – तुलसी तेल की मांग देश और विदेश दोनों में है।
- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स – Amazon, Flipkart, और सोशल मीडिया के जरिए भी तुलसी के उत्पाद बेच सकते हैं।
- हर्बल फार्मेसी और चाय कंपनियां – तुलसी टी बनाने वाली कंपनियों को भी आप सप्लाई कर सकते हैं।
📦 तुलसी की वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स
- तुलसी चाय (Green Tulsi Tea)
- तुलसी अर्क (Tulsi Drops)
- तुलसी फेस पैक और स्किन प्रोडक्ट्स
- तुलसी कैप्सूल
इन प्रोडक्ट्स को खुद बनाकर ब्रांडिंग के साथ बेचने से आपकी कमाई कई गुना हो सकती है।
✅ फायदे एक नज़र में
- कम लागत और ज्यादा मुनाफा
- जलवायु में जल्दी अनुकूल
- धार्मिक और औषधीय मांग स्थायी
- जैविक खेती से और भी ज्यादा कीमत
- महिलाओं के लिए भी घर पर खेती का बेहतर विकल्प
तुलसी
तुलसी की खेती एक ऐसा व्यवसाय है, जिसमें कम लागत, कम जोखिम और अच्छा मुनाफा मिलता है। अगर आप कम जमीन में ज्यादा कमाई का सपना देख रहे हैं, तो तुलसी की जैविक खेती जरूर आजमाएं। इसके लिए सरकारी योजनाएं और ट्रेनिंग भी उपलब्ध हैं, जिससे शुरुआती किसानों को मदद मिल सकती है