Rashtriya Gokul Mission Yojana 2025: गाय-भैंस पालने वालों के लिए वरदान है गोकुल मिशन, जानें इसके फायदे, आवेदन प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज़। भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां पशुपालन खेती का अहम हिस्सा माना जाता है। विशेषकर ग्रामीण भारत में गाय और भैंसों का पालन लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक राष्ट्रीय गोकुल मिशन (Rashtriya Gokul Mission) है, जो पशुधन की नस्ल सुधार, दूध उत्पादन बढ़ाने और देसी नस्लों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
📌 क्या है राष्ट्रीय गोकुल मिशन?
राष्ट्रीय गोकुल मिशन भारत सरकार की पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा चलाई जा रही एक प्रमुख योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य देसी गायों और भैंसों की नस्लों को संरक्षित करना, उनका विकास करना और किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करना है।
इस योजना की शुरुआत दिसंबर 2014 में हुई थी, जिसे अब और अधिक व्यापक बनाते हुए 2026 तक बढ़ा दिया गया है।
🎯 उद्देश्य (Objectives)
- देशी नस्ल की गायों और भैंसों का संरक्षण और विकास
- दुग्ध उत्पादन में वृद्धि
- पशुपालकों की आय को बढ़ाना
- नस्ल सुधार के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग
- गोकुल ग्रामों की स्थापना
- किसान और पशुपालकों को रोजगार के अवसर देना

🐄 किन पशुओं को शामिल किया गया है?
गोकुल मिशन में भारत की प्रमुख देसी गाय और भैंस नस्लों को शामिल किया गया है, जैसे:
- गाय की नस्लें – साहीवाल, गिर, राठी, थारपारकर, लाल सिंधी आदि
- भैंस की नस्लें – मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाणा, नीलरावी, बन्नी आदि
💰 वित्तीय सहायता (Subsidy / Financial Support)
- नस्ल सुधार कार्यों के लिए अनुदान
- पशु शेड, चारा व्यवस्था और स्वच्छता के लिए सहायता
- कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण और उपचार में सब्सिडी
- गोकुल ग्राम निर्माण में केंद्र सरकार द्वारा 60% और राज्य सरकार द्वारा 40% तक की सहायता
🧑🌾 योजना के लाभ (Benefits)
- नस्ल सुधार: कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) द्वारा अच्छी नस्ल तैयार करना
- उत्पादन में वृद्धि: अधिक दूध देने वाली गाय-भैंसें तैयार करना
- गोकुल ग्राम: हाईटेक पशु फार्मिंग के लिए गांवों का निर्माण
- ब्रीडिंग सेंटर: उच्च गुणवत्ता वाले ब्रीड बैल तैयार करने की सुविधा
- आधुनिक सुविधाएं: पशु स्वास्थ्य, खानपान और निगरानी के लिए डिजिटल टूल्स
- आजीविका: ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन से रोज़गार के अवसर
🏡 क्या होता है गोकुल ग्राम?
गोकुल ग्राम खास तौर पर उन स्थानों पर बनाए जाते हैं जहाँ पर नस्ल सुधार, प्रशिक्षण, दूध उत्पादन और पशुओं की देखरेख के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाते हैं।
इन ग्रामों में निम्नलिखित सुविधाएं होती हैं:
- अत्याधुनिक चारा व्यवस्था
- पशुओं के लिए शेड
- प्रशिक्षण केंद्र
- हेल्थ चेकअप यूनिट
- सेमेंट बैंक

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📋 आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का लाभ लेने के लिए इच्छुक पशुपालक को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:
1. राज्य पशुपालन विभाग से संपर्क करें
अपने राज्य के नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय या पशु चिकित्सालय से संपर्क करें।
2. ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग
भारत सरकार की DAHD वेबसाइट या संबंधित राज्य की पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
3. प्रशिक्षण
योजना का लाभ लेने से पहले पात्र पशुपालकों को गोकुल ग्राम या संबंधित केंद्रों से प्रशिक्षण लेना होता है।
📑 ज़रूरी दस्तावेज़ (Required Documents)
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक की कॉपी
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
- पशु से संबंधित जानकारी
- प्रशिक्षण प्रमाण पत्र (यदि कोई हो)
📈 योजना का प्रभाव (Impact of Scheme)
- दूध उत्पादन में बढ़ोतरी: देशी नस्लों के संरक्षण से दूध की गुणवत्ता और मात्रा में इज़ाफा हुआ।
- रोज़गार में वृद्धि: ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बने।
- नस्ल संरक्षण: विलुप्त हो रही नस्लों को नया जीवन मिला।
- डिजिटल पशुपालन: पशुपालन अब तकनीक के साथ जुड़ गया है, जिससे निगरानी आसान हो गई है।
📞 सहायता के लिए संपर्क (Helpline)
- केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
वेबसाइट: https://dahd.nic.in
ईमेल: support-dahd@gov.in
टोल फ्री नंबर: 1800-112-565
Rashtriya Gokul Mission Yojana 2025
राष्ट्रीय गोकुल मिशन पशुपालन क्षेत्र के विकास की दिशा में भारत सरकार का एक सराहनीय कदम है। इससे न सिर्फ पशुओं की नस्ल में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो रही है। यदि आप भी पशुपालन से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।