Raksha Bandhan 2025 shubh muhurat: रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं। साल 2025 में रक्षाबंधन शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन खास बात ये है कि भद्रा काल नहीं पड़ रहा, जिससे सुबह से ही राखी बांधने का शुभ समय मिल रहा है। मगर एक सवाल हमेशा उठता है – क्या रात में राखी बांधना सही होता है? इस पोस्ट में हम जानेंगे ज्योतिषाचार्यों की राय, शुभ मुहूर्त, और जरूरी सावधानियां।
रक्षाबंधन 2025 की तारीख और शुभ समय
- पर्व की तिथि: शनिवार, 9 अगस्त 2025
- शुभ मुहूर्त की शुरुआत: सुबह 5:47 बजे
- शुभ समय की समाप्ति: दोपहर 2:23 बजे
- कुल अवधि: लगभग 8 घंटे 36 मिनट तक
इस वर्ष बहनों को राखी बांधने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। क्योंकि भद्रा का साया नहीं है, इसलिए सुबह से दोपहर तक राखी बांधना शुभ रहेगा।
क्या शाम या रात में राखी बांधना अशुभ होता है?
अक्सर यह धारणा होती है कि रात में राखी नहीं बांधनी चाहिए, लेकिन ज्योतिषाचार्य इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि:
- राखी बांधने का सही समय भद्रा काल से बचकर तय किया जाता है।
- अगर भद्रा नहीं है और मन में श्रद्धा है, तो बहन रात में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती है।
- रात को राखी बांधने से कोई दोष नहीं लगता, बशर्ते भद्रा काल समाप्त हो चुका हो।

भद्रा काल क्यों माना जाता है अशुभ?
- हिंदू पंचांग के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए क्योंकि यह काल अशुभ माना जाता है।
- इस समय किसी भी शुभ कार्य, खासकर रक्षासूत्र बांधने से परहेज़ किया जाता है।
- मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधने से भाई के जीवन में बाधाएं और परेशानियां आ सकती हैं।
इसलिए ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि भद्रा समाप्त होने के बाद ही राखी बांधें, चाहे वो समय सुबह का हो या शाम का।
शुभ मुहूर्त में राखी बांधने के फायदे
- भाई की तरक्की और सुरक्षा: शुभ समय में राखी बांधने से भाई के जीवन में उन्नति और रक्षा की ऊर्जा बनी रहती है।
- बहन की मनोकामना पूरी: ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में राखी बांधने से बहन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- रिश्ते में मजबूती: सही समय पर राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और विश्वास और गहरा होता है।
राखी बांधते समय किन बातों का रखें ध्यान?
- थाली में रखें आवश्यक सामग्री: रोली, चावल, दीया, मिठाई और राखी।
- सबसे पहले तिलक करें: भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसे मिठाई खिलाएं।
- राखी बांधें और आशीर्वाद लें: राखी बांधने के बाद भाई से आशीर्वाद लें और उसकी लंबी उम्र की कामना करें।
- दक्षिणा या गिफ्ट दें: भाई को चाहिए कि वह बहन को कोई उपहार या दक्षिणा दे, जिससे उसका आभार प्रकट हो।

सावन का अंतिम दिन और भाद्रपद का आरंभ
2025 में रक्षाबंधन का पर्व सावन महीने के आखिरी दिन आ रहा है। इसके बाद भाद्रपद मास की शुरुआत होगी। इसलिए यह दिन धार्मिक रूप से भी खास माना जाता है। सावन के समापन पर राखी बांधना शुभता और सुख का प्रतीक है।
धार्मिक मान्यता और परंपराएं
- रक्षाबंधन का जिक्र पौराणिक कथाओं में भी मिलता है।
- द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को रक्षा सूत्र बांधा था, जिसके बदले उन्होंने चीरहरण के समय द्रौपदी की रक्षा की।
- रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी, और उसने रक्षार्थ सेना भेज दी थी।
इससे यह स्पष्ट होता है कि राखी सिर्फ धागा नहीं, बल्कि विश्वास और रक्षा का वादा है।
क्या करें और क्या न करें Raksha Bandhan 2025 shubh muhurat
करना चाहिए | नहीं करना चाहिए |
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सुबह से दोपहर तक राखी बांधें | भद्रा काल में राखी न बांधें |
शुभ मुहूर्त का पालन करें | अंधविश्वास में न पड़ें |
श्रद्धा और प्रेम से राखी बांधें | जबरदस्ती या जल्दबाज़ी न करें |