Modi Cabinet BONUS Decisions: किसानों से लेकर रेल कर्मचारियों तक मोदी कैबिनेट ने सभी के नवरात्रि-दिवाली बोनस पर लगाई मुहर। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में किए गए निर्णयों की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दी। बैठक में कई महत्वपूर्ण योजनाओं को स्वीकृति मिली है।
किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है, साथ ही रेलवे कर्मचारियों को बोनस देने का फैसला भी लिया गया। पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और किसानों से जुड़ी कई अन्य योजनाओं को भी हरी झंडी दी गई है। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी भी अश्विनी वैष्णव ने साझा की है।

सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा ढ़ाई माह का बोनस
केंद्रीय कैबिनेट ने 11.72 लाख से अधिक रेलवे कर्मियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों का प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस देने की अनुमति दी है। यह राशि विभिन्न श्रेणियों के रेलवे कर्मचारियों को दी जाएगी, जैसे कि ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर (गार्ड), स्टेशन मास्टर, सुपरवाइजर, टेक्नीशियन, टेक्नीशियन हेल्पर, पॉइंट्समैन, मंत्रालयिक कर्मचारी और अन्य। यह प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस रेलवे की कार्यक्षमता में सुधार के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन के रूप में दिया जाएगा।
2 कृषि योजनाओं को दिखाई हरी झंडी
सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये की दो प्रमुख कृषि योजनाओं को हरी झंडी दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से इन योजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका कुल बजट एक लाख करोड़ रुपये रखा गया है। इन योजनाओं के नाम ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषोन्नति योजना’ (केवाई) हैं।
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Modi Cabinet BONUS Decisions
मंत्रिमंडल ने पीएम-आरकेवीवाई के तहत टिकाऊ खेती को प्रोत्साहित करने और आत्मनिर्भरता के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषोन्नति योजना को मंजूरी प्रदान की है। इन दोनों योजनाओं पर कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही, कैबिनेट ने कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सभी केंद्र-प्रायोजित योजनाओं को इन दो प्रमुख योजनाओं के अंतर्गत समाहित करने की मंजूरी भी दी है।
10103 करोड़ के खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी
भारत को खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 10,103 करोड़ रुपये के बजट के साथ खाद्य तेल-तिलहन पर राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी दी गई है। वर्तमान में भारत अपनी कुल खाद्य तेल की आवश्यकता का 50% से अधिक आयात करता है। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को स्वीकृति दी है, जिसका बजट 10,103 करोड़ रुपये रखा गया है।

तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत
इस मिशन का मुख्य उद्देश्य अगले सात वर्षों में भारत को तिलहन उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030-31 तक प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर 6.97 करोड़ टन करना है। इसके तहत तिलहन की खेती के क्षेत्र को 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा। भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल, ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल तथा रूस और यूक्रेन से सूरजमुखी का तेल आयात करता है।