Custom Duty Free Gold, सोने पर टैक्स चोरी: भारत में सोने की चोरी कोई नई बात नहीं है। पहले के समय में किसी सामान में छुपाकर सोने की तस्करी किया करते थे लेकिन बदलते समय के साथ अब लोगों ने भी सोना चुराने का तरीका बदल दिया है। टेक्नोलॉजी के युग में लोग लिक्विड गोल्ड और जीरो कस्टम ड्यूटी के नाम पर सोने की चोरी कर रहे है।
सरकार को सोने के आयात (Import) से अच्छी-खासी कमाई होती है, क्योंकि उस पर भारी कस्टम ड्यूटी लगती है। लेकिन अब व्यापारी एक नया तरीका निकाल लाए हैं जिससे सरकार को तगड़ा झटका लग रहा है – और ये सब हो रहा है “लिक्विड गोल्ड” के जरिए।
💧 क्या है “लिक्विड गोल्ड”?
“लिक्विड गोल्ड” असल में गोल्ड कंपाउंड्स होते हैं। ये कोई सीधा सोना नहीं होता, बल्कि ऐसा सोना होता है जो दूसरे धातुओं या केमिकल्स के साथ मिला होता है। इसे ज़्यादातर इंडस्ट्रीज़ में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब व्यापारी इसे सोने में बदलकर बाजार में बेच रहे हैं।
यूएई, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देश ऐसे है जहाँ से गोल्ड कंपाउंड (Gold Compound) मंगवाने पर सरकार कोई कस्टम ड्यूटी (Custom Duty) नहीं लेती, जिसका फायदा उठाकर कई आयातक बिना टैक्स (Gold Tax) चुकाए देश में सोना ला रहे हैं। जिससे भारत सरकार को भारी राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

⚠️ कैसे हो रही सोने पर टैक्स चोरी ?
👉 सीधा सोना लाओगे, तो सरकार को 6% कस्टम ड्यूटी देनी पड़ेगी।
👉 लेकिन गोल्ड कंपाउंड (लिक्विड गोल्ड) पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
👉 व्यापारी यही कर रहे हैं—लिक्विड गोल्ड मंगवाते हैं, उसे रिफाइन कर सोना बना लेते हैं, और बेच देते हैं।
👉 सरकार को एक पैसा भी टैक्स नहीं मिलता।
📊 कितना नुकसान हुआ है सरकार को?
- जनवरी से मार्च 2025 के बीच भारत में लगभग 70 हजार किलो लिक्विड गोल्ड आया है।
- इसमें से अगर सिर्फ 15% भी सोना निकला, तो वो करीब 17 हजार किलो सोना हो गया।
- इतने सोने पर सरकार को लगभग ₹900 करोड़ की कस्टम ड्यूटी मिलनी चाहिए थी, जो अब नहीं मिली।
🌍 कौन-कौन से देश शामिल हैं?
सबसे ज्यादा लिक्विड गोल्ड UAE, जापान और ऑस्ट्रेलिया से आ रहा है।
इन देशों के साथ भारत के Free Trade Agreement (FTA) हैं, जिसके चलते इन पर ड्यूटी नहीं लगती।

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🚨 सरकार क्या कर रही है?
अभी सरकार को ये बात समझ में आ गई है और अब वो इस पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
शायद जल्द ही गोल्ड कंपाउंड पर भी टैक्स लगाया जाए, या फिर उनके रिफाइन होने पर सख्त निगरानी की जाएगी।
व्यापारी अब गोल्ड कंपाउंड के नाम पर ‘लिक्विड गोल्ड’ मंगवा रहे हैं।
ये कानूनी है, लेकिन इससे सरकार को भारी टैक्स का नुकसान हो रहा है।
असली सोने की बजाय गोल्ड कंपाउंड लाकर, उसे रिफाइन करके बाजार में बेचा जा रहा है।
सरकार को इससे 900 करोड़ का झटका लग चुका है – और ये सिलसिला अभी जारी है।