health insurance का नया नियम: अब 24 घंटे नहीं, सिर्फ 2 घंटे में भी मिलेगा हेल्थ क्लेम!

Anand Patel

health insurance का नया नियम: अब 24 घंटे नहीं, सिर्फ 2 घंटे में भी मिलेगा हेल्थ क्लेम!
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Health Insurance New Rule : बदलते इलाज के तरीकों के साथ बीमा कंपनियों ने भी अपने नियमों में किया बड़ा बदलाव, अब क्लेम लेना और आसान। आजकल स्वास्थ्य बीमा से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव हो रहे हैं, और यह बदलाव आम आदमी के लिए काफी राहत भरे हैं। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने अब यह शर्त हटा दी है कि क्लेम लेने के लिए कम से कम 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना जरूरी है। अब सिर्फ 2 घंटे के इलाज के बाद भी बीमा कंपनियां क्लेम की सुविधा दे रही हैं।

अब Health Insurance में 24 घंटे की बाध्यता नहीं

पहले बीमा क्लेम का नियम यही था कि आपको कम से कम एक दिन यानी 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती रहना होगा, तभी आप बीमा का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन आज के आधुनिक इलाज और तेज़ होती मेडिकल प्रक्रियाओं को देखते हुए अब यह ज़रूरी नहीं रहा।

अब, केवल 2 घंटे के लिए अस्पताल में भर्ती रहकर हुए इलाज पर भी क्लेम मिल सकता है। यह बदलाव खासतौर पर उन्हीं मेडिकल प्रक्रियाओं के लिए किया गया है, जो कुछ ही घंटों में पूरी हो जाती हैं और जिनमें रातभर अस्पताल में रुकने की जरूरत नहीं होती।

तकनीक ने बदला इलाज का तरीका

आज के समय में टेक्नोलॉजी इतनी उन्नत हो चुकी है कि बहुत से ऑपरेशन और ट्रीटमेंट कुछ घंटों में पूरे हो जाते हैं। उदाहरण के लिए:

  • मोतियाबिंद ऑपरेशन
  • कीमोथेरेपी
  • एंजियोग्राफी
  • डायलिसिस

पहले इन सब इलाज के लिए मरीजों को पूरी रात अस्पताल में रहना पड़ता था, लेकिन अब यह सब कुछ ही घंटों में संभव है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीमा कंपनियों ने अपने नियमों में लचीलापन लाया है।

health insurance का नया नियम: अब 24 घंटे नहीं, सिर्फ 2 घंटे में भी मिलेगा हेल्थ क्लेम!

कौन-कौन सी कंपनियां दे रही हैं यह सुविधा?

अब बाजार में कुछ ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स उपलब्ध हैं जो केवल कुछ घंटे की हॉस्पिटलाइजेशन पर भी क्लेम की सुविधा दे रहे हैं। इनमें प्रमुख कंपनियों के प्लान्स निम्नलिखित हैं:

  1. ICICI Lombard – Elevate Plan
    • कवरेज: ₹10 लाख
    • सालाना प्रीमियम: लगभग ₹9,195
    • यह 30 साल के व्यक्ति के लिए है।
  2. Care Health Insurance – Supreme Plan
    • कवरेज: ₹10 लाख
    • सालाना प्रीमियम: करीब ₹12,790
  3. Niva Bupa – Health Recharge Plan
    • कवरेज: ₹10 लाख
    • सालाना प्रीमियम: लगभग ₹14,199

ये तीनों प्लान बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि इनमें डे-केयर इलाज को भी कवर किया जा रहा है, जो कि पहले शामिल नहीं होते थे।


ग्राहकों को क्या होगा फायदा?

1. छोटे इलाज भी होंगे कवर

अब अगर आपको किसी छोटे लेकिन ज़रूरी इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़े, जैसे कि कीमोथेरेपी या डायलिसिस, तो आपको जेब से पैसे खर्च नहीं करने होंगे। पहले 24 घंटे की शर्त के चलते ऐसा संभव नहीं था।

2. समय पर इलाज होगा

जब मरीज को पता होता है कि कम समय की हॉस्पिटलाइजेशन पर भी क्लेम मिलेगा, तो वह इलाज टालता नहीं है। इससे बीमारियों का समय पर इलाज संभव होता है और जटिलताएं नहीं बढ़तीं।

3. खर्च पर नियंत्रण

अब छोटे इलाज के लिए अपनी बचत से पैसे खर्च करने की चिंता नहीं रहेगी। इससे आम आदमी की जेब पर बोझ कम होगा और वित्तीय सुरक्षा बढ़ेगी।

4. बीमा का पूरा लाभ मिलेगा

नई पॉलिसी यह सुनिश्चित करती हैं कि ग्राहकों को उनके प्रीमियम का पूरा लाभ मिले। यह बदलाव बीमा को वाकई उपयोगी और असरदार बना रहा है।

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क्यों जरूरी था यह बदलाव?

इसका सबसे बड़ा कारण है मेडिकल एडवांसमेंट। आज की चिकित्सा प्रणाली बहुत तेज़, सटीक और कम समय में प्रभावी इलाज देने वाली हो गई है। कम इनवेसिव सर्जरी और डे-केयर प्रोसीजर अब आम हो चुके हैं।

बीमा कंपनियां भी इस बदलाव को स्वीकार रही हैं और अपने उत्पादों को समय के साथ अपडेट कर रही हैं ताकि ग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।


भविष्य में और भी बेहतर बदलाव संभव

माना जा रहा है कि जैसे-जैसे हेल्थकेयर सेक्टर और आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे बीमा कंपनियां अपने प्लान को और भी ज्यादा कस्टमर-फ्रेंडली बनाएंगी।

यह बदलाव न केवल बीमा सेक्टर को मजबूती देगा बल्कि हेल्थ अवेयरनेस को भी बढ़ावा देगा।


निष्कर्ष (Conclusion)

अब हेल्थ इंश्योरेंस केवल गंभीर बीमारियों या बड़ी सर्जरी के लिए नहीं रह गया है। अब यह छोटी लेकिन जरूरी प्रक्रियाओं को भी कवर कर रहा है। 2 घंटे की हॉस्पिटलाइजेशन पर भी क्लेम मिलने की सुविधा से आम जनता को बड़ी राहत मिली है।

यह एक सकारात्मक संकेत है कि बीमा सेक्टर अब समय और तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।

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