GST : केंद्र सरकार एक बार फिर आम जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी में है। टैक्स से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसके तहत वस्तु एवं सेवा कर (GST) के 12% स्लैब को या तो पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है या इसमें शामिल ज़्यादातर वस्तुओं को 5% टैक्स कैटेगरी में लाया जा सकता है। यह बदलाव सीधे तौर पर मध्यम और निम्न आय वर्ग के करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित करेगा।
✅ क्या हो सकता है GST में बदलाव?
सूत्रों के अनुसार, सरकार दो बड़े विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है:
- 12% जीएसटी स्लैब में आने वाले ज़्यादातर उत्पादों को 5% के दायरे में लाया जाए।
- 12% टैक्स स्लैब को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाए और उसका पुनर्गठन किया जाए।
अगर ये फैसला लागू होता है, तो आम आदमी के लिए कई आवश्यक वस्तुएं काफी सस्ती हो जाएंगी।

🛍️ कौन–कौन से सामान होंगे सस्ते?
नीचे दिए गए प्रोडक्ट्स पर फिलहाल 12% टैक्स लगता है, लेकिन प्रस्तावित बदलाव के बाद इनकी कीमतों में 5 से 7% तक की गिरावट संभव है:
- घी और मक्खन
- प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद
- छाते
- सिलाई मशीन
- प्रेशर कुकर, स्टील के बर्तन
- बिजली वाली आयरन (कपड़े प्रेस करने की मशीन)
- सस्ते गीजर
- छोटी वॉशिंग मशीन
- ₹1,000 से ऊपर के कपड़े
- ₹500 से ₹1,000 के जूते-चप्पल
- बच्चों की साइकिल
- स्टेशनरी आइटम
- वैक्सीन की कुछ वैरायटी
- कृषि यंत्र
- टाइल्स और निर्माण सामग्री के कुछ प्रकार
💰 सरकार पर पड़ेगा आर्थिक असर, लेकिन लाभ की उम्मीद
जानकारों का मानना है कि इस बदलाव से केंद्र को करीब ₹40,000 से ₹50,000 करोड़ का वार्षिक वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है। लेकिन सरकार का मानना है कि कम टैक्स दरों के चलते खपत में बढ़ोतरी होगी, जिससे GST से होने वाली कुल आय में अगले कुछ वर्षों में सुधार आ सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में दिए एक साक्षात्कार में यह संकेत दिया था कि सरकार जीएसटी दरों को सरल और व्यवहारिक बनाने की दिशा में काम कर रही है।

⚠️ कुछ राज्यों का विरोध जारी
हालांकि, पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। उनका कहना है कि इससे उनके राज्य के राजस्व पर असर पड़ेगा। अब तक जीएसटी परिषद में ज्यादातर फैसले सर्वसम्मति से लिए जाते रहे हैं, लेकिन इस मुद्दे पर मतदान की स्थिति बन सकती है।
📅 कब होगा फैसला?
GST काउंसिल की 56वीं बैठक इस महीने के अंत तक बुलाई जा सकती है, जहां इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। बैठक की तारीख से 15 दिन पहले सूचना जारी की जानी होती है। इस प्रस्ताव को पारित करने के लिए मजबूत राजनीतिक सहमति की ज़रूरत है।
🔎 GST नया झटका या राहत:
अगर यह फैसला लागू होता है, तो यह आम जनता के लिए एक ऐतिहासिक टैक्स राहत साबित हो सकता है। रोजमर्रा की कई वस्तुएं सस्ती होंगी और खर्चों में सीधा फर्क दिखेगा। साथ ही यह कदम सरकार की टैक्स सरलीकरण नीति और खपत बढ़ाने की रणनीति का भी हिस्सा है।







