Grand Cross of the Order of Makarios III: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। साइप्रस सरकार ने उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया है, जो भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को और मजबूत करता है। यह पुरस्कार भारत और साइप्रस के बीच गहराते संबंधों का भी प्रतीक माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस गणराज्य की ओर से “Grand Cross of the Order of Makarios III” सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मान साइप्रस का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है, जो सिर्फ उन्हीं लोगों को दिया जाता है जिन्होंने देश या वैश्विक मंच पर विशिष्ट योगदान दिया हो।
🏅 “Grand Cross of the Order of Makarios III” क्या है?
यह सम्मान साइप्रस सरकार की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो राष्ट्रीय नेता, वैश्विक राजनेता, और मानवता की सेवा करने वाले महान व्यक्तियों को दिया जाता है।
इस पुरस्कार का नाम “Makarios III” पर रखा गया है, जो साइप्रस के पहले राष्ट्रपति और एक महान नेता थे। उन्होंने देश की आज़ादी और लोकतंत्र के लिए अहम योगदान दिया था।
PM मोदी को क्यों मिला यह सम्मान?
साइप्रस सरकार ने इस सम्मान को प्रदान करते समय प्रधानमंत्री मोदी के निम्नलिखित योगदानों को मुख्य आधार माना:
✅ भारत-साइप्रस संबंधों को मज़बूत करने में योगदान
पीएम मोदी ने दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूती दी है।
✅ वैश्विक कूटनीति में भारत की सक्रिय भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने विकासशील देशों की आवाज़ को आगे बढ़ाया है।
✅ विश्व शांति, मानवता और विकास के लिए काम
चाहे वो जलवायु परिवर्तन हो, डिजिटलीकरण हो या महामारी के दौरान सहयोग — पीएम मोदी ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता दी है।
🗣️ साइप्रस के राष्ट्रपति ने क्या कहा?
साइप्रस के राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा:
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वैश्विक नेता हैं जिन्होंने न केवल भारत का नेतृत्व किया बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने सिद्धांतों और कार्यों से सभी को प्रभावित किया। हम उन्हें अपने देश का सर्वोच्च सम्मान देकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।”
📍 कब और कहां मिला ये सम्मान?
यह सम्मान पीएम मोदी को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान दिया गया। कार्यक्रम में दोनों देशों के उच्च अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
Here are glimpses from the ceremonial welcome in Cyprus earlier today. pic.twitter.com/1vVKkY10lb
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2025
साइप्रस और भारत के बीच संबंध
भारत और साइप्रस के संबंध 1950 के दशक से मजबूत रहे हैं। दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों, शांति और विकास के साझा आदर्शों को मानते हैं।
🕊️ मुख्य क्षेत्र जहां सहयोग हुआ है:
- शिक्षा और तकनीक में सहयोग
- आर्थिक और व्यापारिक समझौते
- डिफेंस और सिक्योरिटी में संवाद
- संस्कृति और पर्यटन में साझेदारी
🌐 PM मोदी को अब तक कितने अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब तक 15 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं:
- अमेरिका का ‘लीजन ऑफ मेरिट’
- संयुक्त अरब अमीरात का ‘Order of Zayed’
- रूस का ‘Order of St. Andrew’
- सऊदी अरब का ‘King Abdulaziz Sash’
- फ्रांस का ‘Grand Cross of the Legion of Honour’
- भूटान का ‘Order of the Druk Gyalpo’
- पापुआ न्यू गिनी का ‘Companion of the Order of Logohu’
- फिजी का ‘Companion of the Order of Fiji’
📌 इन पुरस्कारों का महत्व
इन सम्मानों से यह स्पष्ट होता है कि प्रधानमंत्री मोदी न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में एक प्रभावशाली और सम्मानित नेता के रूप में देखे जाते हैं।

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🧭 इससे भारत को क्या लाभ?
इस सम्मान के मिलने से भारत की वैश्विक साख और कूटनीतिक शक्ति को मजबूती मिलती है।
यह संदेश देता है कि भारत अब सिर्फ एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेता है।
🎯 इसके मुख्य लाभ:
- अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का भरोसा बढ़ता है
- विदेश नीति को मजबूती मिलती है
- भारत की छवि “Responsible Global Power” के रूप में बनती है
- पड़ोसी देशों के साथ संवाद और सहयोग के नए रास्ते खुलते हैं
📸 सोशल मीडिया पर कैसे मना जश्न?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #ModiInCyprus, #GrandCrossForModi जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लाखों लोगों ने पीएम मोदी को बधाई दी। भारतीय प्रवासी समुदाय ने इसे “भारत की जीत” कहा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस-III” सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं है, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, नेतृत्व और विकासशील देशों की आवाज़ बनने की मान्यता है।
यह सम्मान दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ एक जनसंख्या वाला बड़ा देश नहीं, बल्कि एक ऐसी शक्ति है जो दुनिया को दिशा देने में सक्षम है।