मूंग-खरीदी: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की सभी मंडियों में किसानों को मूंग की फसल का उचित मूल्य मिलेगा। यह निर्णय तब लिया गया जब भारतीय किसान संघ (BKS) मध्यप्रदेश के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे सीधी मुलाकात की और मूंग की खरीदी में हो रही दिक्कतों को उठाया।
आपको बता दें पिछले कई दिनों से मध्यप्रदेश के किसान मूंग की खरीदी को लेकर सरकार से नाराज चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकारी एजेंसियां मूंग की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदेंगी, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
🧑🌾 किसानों की मांगें क्या थीं?
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान निम्नलिखित मुद्दे उठाए:
- moong की मंडियों में सही रेट नहीं मिल रहा
- व्यापारियों द्वारा फसल की अनदेखी की जा रही है
- सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी की गारंटी दे
- खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता हो और समय पर भुगतान मिले
राज्य सरकार केंद्रीय कृषि मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी और किसानों से चर्चा कर संवेदनशीलता के साथ मूंग खरीदी के मामले का समाधान करेगी। pic.twitter.com/k9S8TLT7Jw
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 12, 2025
🗣️ मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों को भरोसा दिलाया:
“राज्य सरकार किसानों के साथ है। मंडियों में मूंग की खरीदी के लिए सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं। सभी किसानों को समर्थन मूल्य पर मूंग का रेट मिलेगा। किसी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।”
💰 क्या रहेगा मूंग का समर्थन मूल्य (MSP)?
- केंद्र सरकार द्वारा घोषित MSP ₹8,558 प्रति क्विंटल (2024-25) को राज्य सरकार लागू करेगी
- मंडियों में इससे कम रेट पर फसल बेचना गैरकानूनी होगा
- किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा
🏢 कौन करेगा खरीदी?
राज्य की नाफेड (NAFED) और मध्यप्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ (MP MARKFED) जैसी सरकारी एजेंसियां moong की खरीदी करेंगी।
📅 खरीदी प्रक्रिया जुलाई से शुरू होने की संभावना है। किसानों को समय रहते पंजीकरण कराना होगा।
📋 किसानों को क्या करना चाहिए?
- ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण कराएं
- moong की फसल को समय पर कटवाएं और मंडी में ले जाएं
- फसल के साथ भू-अधिकार प्रमाण और बैंक डिटेल साथ रखें
- सरकारी दर से कम पर फसल न बेचें
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यह फैसला राज्य के हजारों मूंग उत्पादक किसानों को राहत देने वाला है। जहां अब उन्हें अपने उत्पाद का सही मूल्य मिलेगा, वहीं मंडियों में अनियमितता और व्यापारी शोषण पर भी लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा लिए गए इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।