ED तीसरे दिन भी ED की छापेमारी जारी, वित्तीय अनियमितताओं की जांच में जुटी एजेंसी, अनिल अंबानी ग्रुप के कई ठिकानों पर कार्रवाई
ED नई दिल्ली: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस एडीए (ADA) ग्रुप की कंपनियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। वित्तीय अनियमितताओं और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच के तहत यह छापेमारी की जा रही है। इस छापेमारी से देश के कॉर्पोरेट सेक्टर में हलचल मच गई है और हर तरफ इसकी चर्चा है।

🚨 क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने जानकारी के अनुसार अनिल अंबानी ग्रुप से जुड़ी कुछ कंपनियों के खिलाफ बड़ी मात्रा में विदेशी फंडिंग, काले धन को सफेद करने और वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि कुछ कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए विदेशों से पैसा मंगाया और उसे फर्जी कंपनियों में खपाया।
📍 किन-किन ठिकानों पर हुई छापेमारी?
ED की टीमों ने मुंबई, दिल्ली और अन्य शहरों में स्थित ग्रुप के ऑफिस, डायरेक्टर्स के घरों और संबंधित कंपनियों के ठिकानों पर छापे मारे हैं। साथ ही बैंक खातों और डिजिटल डेटा को भी जब्त किया गया है।
- रिलायंस इंफ्राकॉम का हेड ऑफिस
- रिलायंस पावर के प्रमुख कार्यालय
- अनिल अंबानी से जुड़े पर्सनल ठिकाने
- डायरेक्टर्स और CFO के घर
इन सभी जगहों से ईमेल्स, लेनदेन के दस्तावेज़, मोबाइल डेटा, कंप्यूटर फाइलें और बैंक खातों की डिटेल्स जब्त की गई हैं।
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📂 किन मामलों में जांच चल रही है?
- विदेशी निवेश (FDI) में अनियमितता
- शेल कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग
- बैंक लोन में हेरफेर
- विदेशी खातों के माध्यम से काले धन की वापसी
- शेयर बाजार में गड़बड़ी और निवेशकों को नुकसान
ED के अधिकारियों का कहना है कि जांच के शुरुआती निष्कर्ष बेहद चौंकाने वाले हैं और कई गुप्त लेन-देन का खुलासा हुआ है।
🧑⚖️ क्या बोले अधिकारी?
प्रवर्तन निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया,
“हमारे पास पुख्ता दस्तावेज़ हैं जो यह संकेत देते हैं कि बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी हुई है। जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है, और जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी भी हो सकती है।”
💬 अनिल अंबानी ग्रुप की प्रतिक्रिया
अभी तक रिलायंस एडीए ग्रुप की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, ग्रुप से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि सभी लेन-देन कानून के दायरे में हुए हैं और वे जांच में सहयोग कर रहे हैं।

📉 क्या पड़ेगा इसका असर?
इस रेड का असर न सिर्फ रिलायंस एडीए ग्रुप के निवेशकों पर पड़ा है बल्कि शेयर बाजार में भी हल्की गिरावट देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह मामला लंबा चला, तो ग्रुप की साख और आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ सकता है।
📊 निवेशकों में चिंता
रिलायंस पावर और रिलायंस कम्युनिकेशन जैसे शेयरों में गिरावट देखी गई है। कई छोटे निवेशक सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
🔍 आगे क्या हो सकता है?
जांच एजेंसी आने वाले दिनों में:
- अनिल अंबानी और अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है
- विदेशी लेन-देन का ऑडिट कराया जाएगा
- संबंधित बैंक अधिकारियों को भी नोटिस भेजे जा सकते हैं
- मामले को कोर्ट में भी ले जाया जा सकता है
ED की रेड
अनिल अंबानी का कारोबारी साम्राज्य पहले ही कई संकटों से गुजर चुका है। अब ED की यह जांच उनके लिए एक और बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। देश की जनता, निवेशक और सरकार सभी इस केस पर नजर बनाए हुए हैं। यदि जांच में गंभीर गड़बड़ियों की पुष्टि होती है, तो यह देश के कॉर्पोरेट इतिहास का एक बड़ा मामला बन सकता है।







