पानी-पानी हुआ बिहार, बाढ़ से हाहाकार!! 12 जिलों में बाढ़ से तबाही, 17 लाख से ज्यादा लोग हुए बेघर

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पानी-पानी हुआ बिहार, बाढ़ से हाहाकार!! 12 जिलों में बाढ़ से तबाही, 17 लाख से ज्यादा लोग हुए बेघर
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Bihar Flood 2025: बिहार इस समय गंभीर बाढ़ संकट से जूझ रहा है। राज्य के कई इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जल संसाधन विभाग के मुताबिक, फिलहाल राज्य के 12 जिलों में बाढ़ का पानी फैल चुका है, जिससे करीब 17 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। लोग अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों, तटबंधों और सड़कों के किनारे शरण लेने को मजबूर हैं।

नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा

पिछले कुछ दिनों में हुई मूसलाधार बारिश के कारण बिहार की 10 प्रमुख और 13 छोटी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सोमवार की शाम तक छोटी नदियों जैसे कर्मनाशा, धर्मावती, दुर्गावती, मोहाने, भूतही, माही, बाया, गंडकी, दाहा, बरही, कारी कोसी, चिरैया और घोघा का पानी भी लाल निशान पार कर चुका था।

इन नदियों के उफान से सारण, कटिहार, कैमूर, नालंदा, भागलपुर, समस्तीपुर और बक्सर जैसे जिलों में कई गांव डूब गए हैं। पानी के तेज बहाव ने ग्रामीण जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई नदियां अपने खतरे के स्तर से 2 से 5 मीटर तक ऊपर बह रही हैं और इनका जलस्तर अभी भी बढ़ रहा है।

तटबंधों पर दबाव और सुरक्षा व्यवस्था सख्त

बड़ी नदियां — गंगा, कोसी, बागमती, अधवारा, गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा, घाघरा, सोन और पुनपुन — पिछले 10 दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। तटबंधों पर दबाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने रात्रिकालीन पेट्रोलिंग शुरू कर दी है। सुरक्षाकर्मी 24 घंटे गश्त कर रहे हैं और किसी भी प्रकार के कटाव या रिसाव की स्थिति में तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य के सभी 3800 किलोमीटर लंबे तटबंधों की निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। लोगों को उनके क्षेत्र के सुरक्षाकर्मी की जानकारी QR कोड स्कैन कर आसानी से उपलब्ध कराई जा रही है।

10 जिलों के 17.62 लाख लोग बाढ़ की चपेट में

लगातार बारिश के कारण बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। इनमें वैशाली, भोजपुर, पटना, लखीसराय, भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय, सारण, खगड़िया और सुपौल शामिल हैं। इन जिलों के 46 प्रखंडों की 269 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में 321 सामुदायिक रसोई केंद्र चलाए जा रहे हैं, जहां प्रतिदिन करीब 3.71 लाख लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।

पानी-पानी हुआ बिहार, बाढ़ से हाहाकार!! 12 जिलों में बाढ़ से तबाही, 17 लाख से ज्यादा लोग हुए बेघर

राहत शिविरों में लोगों को मिल रही मदद

बाढ़ पीड़ितों के लिए दो बड़े राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लगभग 1306 लोगों को रहने, खाने और इलाज की सुविधा दी जा रही है। आपदा विभाग अब तक 54,200 पॉलिथीन शीट और 10,650 सूखा राशन पैकेट बांट चुका है, ताकि प्रभावित लोग अपने अस्थायी आश्रय स्थलों पर रह सकें।

बचाव और राहत कार्य तेज

बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को निकालने और मदद पहुंचाने के लिए 1186 नावों को लगाया गया है। इसके अलावा, बचाव कार्यों के लिए SDRF की 22 टीम और NDRF की 10 टीम लगातार काम कर रही हैं।

गांवों में पानी से घिरा जीवन

कई गांवों में घर पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जिससे लोग ऊंची जगहों या अस्थायी शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। खेत-खलिहान पानी में डूब जाने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं। पशुओं के लिए चारा और सुरक्षित जगह की भी भारी कमी हो गई है।

सरकार ने जारी किया अलर्ट

जल संसाधन विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने और अफवाहों से बचने की अपील की है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के पंचायत प्रतिनिधियों को भी कहा गया है कि किसी प्रकार का रिसाव, कटाव या तटबंध क्षति होने पर तुरंत विभाग को सूचित करें।

प्रभावित परिवारों की मुश्किलें

बाढ़ के कारण न केवल आवागमन ठप हो गया है, बल्कि रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी चुनौती बन गया है। कई परिवार नावों और अस्थायी पुलों के सहारे ही एक जगह से दूसरी जगह जा पा रहे हैं।

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निष्कर्ष

बिहार इस समय बाढ़ की भीषण मार झेल रहा है। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण हालात अभी और बिगड़ सकते हैं। सरकार और आपदा प्रबंधन दल पूरी तरह सक्रिय हैं, लेकिन राहत और पुनर्वास में समय लग सकता है। ऐसे में ज़रूरी है कि लोग सतर्क रहें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और एक-दूसरे की मदद करें।

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