आज भी ज़िंदा है जादू-टोने की परंपरा, दुनिया के कई देश आज भी जादू-टोने, तंत्र-मंत्र और पारंपरिक क्रियाओं पर करते हैं विश्वास। जानिए कौन-से देश हैं इस सूची में शामिल।
तंत्र-मंत्र, witchcraft country: तकनीक और विज्ञान के युग में हम जहां चंद्रमा और मंगल तक पहुंच चुके हैं, वहीं आज भी दुनिया के कई हिस्सों में लोग जादू-टोने और रहस्यमयी क्रियाओं में विश्वास करते हैं। विज्ञान ने चाहे कितनी भी तरक्की क्यों न कर ली हो, लेकिन कुछ मान्यताएं और पारंपरिक विश्वास आज भी लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बने हुए हैं।
किन देशों में है सबसे ज़्यादा भरोसा?
Pew Research Center, Gallup और World Values Survey जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, दुनिया के कई हिस्सों में अब भी जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और अदृश्य शक्तियों पर लोगों का भरोसा बना हुआ है। खासकर कुछ देशों में तो ये विश्वास इतनी गहराई से रचे-बसे हैं कि वो समाज का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं।
अफ्रीकी देशों में सबसे ज़्यादा विश्वास
जादू-टोने की बात करें तो अफ्रीका महाद्वीप इस सूची में सबसे ऊपर आता है। यहां के करीब 80 प्रतिशत लोग आज भी जादू, श्राप, टोने-टोटके और तांत्रिकों की शक्तियों पर विश्वास करते हैं।
नाइजीरिया, घाना, कांगो, और कैमरून जैसे देशों में आज भी पारंपरिक हीलर यानी ‘विच डॉक्टर’ आम जीवन का हिस्सा हैं। वहां इलाज के लिए लोग अब भी जड़ी-बूटियों और तांत्रिक उपायों की सहायता लेते हैं।
भारत में भी कम नहीं है जादू-टोने की जड़ें
भारत में भी, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, ओझा, तांत्रिक और झाड़-फूंक करने वाले लोगों का प्रभाव बना हुआ है। कई लोग बीमारियों, बुरी नजर या पारिवारिक समस्याओं का समाधान तंत्र-मंत्र और पूजा-पाठ में ढूंढते हैं।
हालांकि, शिक्षा और जागरूकता के चलते अब अंधविश्वास में कुछ हद तक कमी आई है। लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की लगभग 60% आबादी अभी भी किसी न किसी रूप में इन पारंपरिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है।

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और कौन से देश हैं इस सूची में?
जादू-टोने और रहस्यमयी विश्वास सिर्फ अफ्रीका या भारत तक सीमित नहीं हैं। हैती, इंडोनेशिया, फिलीपींस, नेपाल, और तिब्बत जैसे देशों में भी ये परंपराएं गहराई से जुड़ी हुई हैं। इन क्षेत्रों में भी लोग पारिवारिक परंपराओं, धार्मिक विश्वासों और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के रूप में इन उपायों का पालन करते हैं।
लोग इन मान्यताओं से क्यों जुड़े रहते हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों के अलावा, धार्मिक आस्था और पारिवारिक संस्कार भी इन विश्वासों को मजबूती देते हैं। हालांकि आज की युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच का विकास हुआ है, लेकिन पारंपरिक रीतियों से जुड़ी भावनाएं अभी भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
क्या जादू-टोना सिर्फ अंधविश्वास है?
इस विषय को लेकर समाज में अलग-अलग मत हैं। कुछ इसे पूरी तरह अंधविश्वास मानते हैं, तो कुछ इसे पारंपरिक ज्ञान और आध्यात्मिकता का हिस्सा मानते हैं। सच यह है कि इन मान्यताओं का असर सिर्फ व्यक्तिगत विश्वास पर निर्भर करता है।
witchcraft country
जादू-टोने और तंत्र-मंत्र जैसे विषय चाहे कितने ही रहस्यमय क्यों न लगें, लेकिन आज भी दुनिया के कई कोनों में इनका असर गहराई से महसूस किया जा सकता है। जहां विज्ञान और तकनीक ने हमारी सोच को नई दिशा दी है, वहीं पुरानी परंपराएं और मान्यताएं आज भी कई लोगों की जिंदगी में अपना स्थान बनाए हुए हैं।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सर्वे और सामाजिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी तरह के विश्वास या उपाय को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। वेबसाइट इस जानकारी की पुष्टि नहीं करता।