Baba Kaal Bhairav: भारत का अनोखा मंदिर जहां भगवान को पहनाई जाती है पुलिस की वर्दी

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Baba Kaal Bhairav: भारत का अनोखा मंदिर जहां भगवान को पहनाई जाती है पुलिस की वर्दी
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Baba Kaal Bhairav: भारत में मंदिरों की परंपराएं और रीति-रिवाज सदियों से लोगों की आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहे हैं। कई मंदिर अपनी विशेष मान्यताओं और अनूठी परंपराओं के कारण चर्चाओं में रहते हैं। वाराणसी में स्थित एक मंदिर ऐसा है, जहां भगवान को समय-समय पर पुलिस की वर्दी पहनाई जाती है। इस अनोखी परंपरा के पीछे की कहानी बेहद रोचक है।

काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव

वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में पवित्र नगरी मानी जाती है। यहां भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। इसी शहर में बाबा काल भैरव का प्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है कि बाबा काल भैरव काशी के कोतवाल यानी मुख्य रक्षक हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा की अनुमति लेना जरूरी माना जाता है।

इस काल भैरव मंदिर की एकसदियों पुरानी परंपरा है जिसमें भगवान काल भैरव की मूर्ति को वर्तमान पुलिस अफसर के जैसी वर्दी पहनाई जाती है। इसमें भगवान के सर पर टोपी, सीने पर बिल्ला, प्रभु के बाएं हाथ में चांदी का डंडा समेत पुलिस अफसर की पूरी वर्दी पहनाई जाती है। यह दृश्य भक्तों के लिए बेहद खास होता है।

Baba Kaal Bhairav: भारत का अनोखा मंदिर जहां भगवान को पहनाई जाती है पुलिस की वर्दी

पुलिस वर्दी पहनाने की शुरुआत कैसे हुई

कोरोना महामारी के कठिन समय में, जब पूरी दुनिया संकट से जूझ रही थी, वाराणसी के लोगों ने बाबा काल भैरव से सुरक्षा की प्रार्थना की। मंदिर के पुजारियों और शहर के स्थानीय प्रशासन ने मिलकर यह डिसीजन लिया है कि शहर के लोगों की महामारी से सुरक्षा करने के लिए बाबा को पुलिस की वर्दी पहनाकर प्रार्थना करेंगे।

यह पहल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक थी, बल्कि पुलिस कर्मियों के साहस और सेवा के प्रति सम्मान भी थी। तब से यह परंपरा समय-समय पर निभाई जाती है, विशेषकर जब शहर में कोई खास अवसर या चुनौतीपूर्ण स्थिति आती है।

भक्तों के लिए विशेष आकर्षण

भक्तों का मानना है कि बाबा काल भैरव के अनेक रूप हैं और पुलिस की वर्दी में उनका यह स्वरूप एक प्रतीकात्मक संदेश देता है कि वे काशी के रक्षक हैं। माना जाता है कि बाबा हर गलत काम करने वालों को दंड देते हैं और भक्तों की समस्याओं का समाधान करते हैं।

Baba Kaal Bhairav

जब भी बाबा को पुलिस की वर्दी पहनाई जाती है, मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। लोग मानते हैं कि काशी में रहने वालों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा बाबा स्वयं करते हैं।

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