आयुष्मान कार्ड की लिमिट खत्म, आयुष्मान भारत योजना की लिमिट खत्म: भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच हर नागरिक तक हो, इस लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर पात्र परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन जब किसी मरीज का इलाज महंगा होता है या लंबा चलता है, तब ये लिमिट पार हो सकती है।
ऐसे में अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि यदि आयुष्मान भारत योजना की लिमिट खत्म हो जाए तो फिर इलाज कैसे होगा? क्या मुफ्त इलाज का लाभ रुक जाता है या सरकार की ओर से कोई और उपाय भी होते हैं? इस पोस्ट में हम इस सवाल का विस्तृत जवाब देंगे और बताएंगे कि आयुष्मान भारत योजना की लिमिट खत्म होने पर इलाज कैसे जारी रखा जा सकता है।
📌 क्या है आयुष्मान भारत योजना की सीमा?
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पात्र परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की हेल्थ कवरेज मिलती है। इस सीमा के अंदर ही सरकारी और सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को इलाज की सुविधा दी जाती है। यह लिमिट हर वर्ष रिन्यू होती है, लेकिन अगर किसी गंभीर बीमारी के चलते ये खर्च सीमा से ऊपर चला जाए, तो मरीज और उसके परिवार को चिंता होने लगती है।
❓ लिमिट खत्म होने पर क्या इलाज रुक जाता है?
नहीं, ऐसा हमेशा नहीं होता। यदि किसी मरीज का इलाज जारी है और बीच में आयुष्मान योजना की सीमा पूरी हो जाती है, तो कुछ खास स्थितियों में इलाज जारी रखा जा सकता है, लेकिन इसके लिए विशेष प्रक्रिया अपनानी होती है।

🏥 स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त अनुमति
जब मरीज का खर्च 5 लाख की सीमा से ऊपर चला जाता है, तब संबंधित अस्पताल प्रशासन राज्य या केंद्र के स्वास्थ्य विभाग से ‘एक्स्ट्रा सपोर्ट’ की मंजूरी ले सकता है। इस प्रक्रिया में मरीज की मेडिकल स्थिति, डॉक्टर की रिपोर्ट और खर्च का आकलन किया जाता है।
अगर मामला गंभीर है, तो संबंधित विभाग से अतिरिक्त धनराशि की स्वीकृति मिल सकती है, जिससे इलाज बिना रुकावट जारी रहता है।
🏛️ राज्य सरकारों की अतिरिक्त योजनाएं
देश के कई राज्य सरकारों ने आयुष्मान योजना के साथ-साथ अपनी खुद की हेल्थ स्कीमें भी शुरू की हैं। जैसे कि राजस्थान में ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना’, दिल्ली में ‘दिल्ली आरोग्य कोष’, तमिलनाडु में ‘सीएम हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम’ आदि।
अगर आयुष्मान भारत योजना की सीमा पार हो जाती है, तो कई बार मरीज को संबंधित राज्य योजना के तहत एक्स्ट्रा कवरेज मिल सकता है। इसके लिए मरीज को:
- एक आवेदन फॉर्म भरना होता है
- मेडिकल दस्तावेज और बीमारी की रिपोर्ट जमा करनी होती है
- राज्य स्वास्थ्य विभाग की स्वीकृति प्राप्त करनी होती है
🧾 पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता
यदि मरीज गंभीर बीमारी से जूझ रहा है और उसके पास किसी प्रकार की हेल्थ कवरेज नहीं बची है, तो वह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मदद मांग सकता है। इसके लिए:
- मरीज या उसका परिवार वेबसाइट या अस्पताल के जरिए आवेदन कर सकता है
- मेडिकल रिपोर्ट, आधार कार्ड और अनुमानित खर्च की जानकारी देनी होती है
- यदि आवेदन स्वीकार हो जाता है, तो इलाज की लागत सरकार द्वारा वहन की जा सकती है
🏢 CSR हेल्थ फंड से भी मिल सकती है मदद
कई कॉर्पोरेट कंपनियां अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड के जरिए जरूरतमंद मरीजों की मदद करती हैं। खासकर उन अस्पतालों में जहां ये कंपनियां साझेदार होती हैं।
इन फंड्स से सहायता प्राप्त करने के लिए:
- संबंधित अस्पताल से संपर्क करें
- CSR डेस्क पर आवेदन करें
- जरूरी दस्तावेज (मेडिकल रिपोर्ट, पहचान पत्र आदि) जमा करें
- स्वीकृति मिलने पर इलाज का खर्च कम या शून्य हो सकता है

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📋 जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया
यदि आपकी आयुष्मान योजना की सीमा पार हो चुकी है और आप अन्य विकल्पों से सहायता पाना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होगी:
- मरीज का आयुष्मान कार्ड
- मेडिकल रिपोर्ट (डॉक्टर द्वारा प्रमाणित)
- आधार कार्ड और राशन कार्ड की कॉपी
- अस्पताल का अनुमानित खर्च विवरण
- आवेदन पत्र (जो संबंधित योजना के अनुसार होगा)
🔍 किन बीमारियों में होता है खर्च अधिक?
कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनमें इलाज लंबा चलता है और खर्च भी बहुत ज्यादा होता है, जैसे:
- कैंसर का इलाज
- हार्ट बायपास सर्जरी
- किडनी ट्रांसप्लांट
- ब्रेन ट्यूमर
- मल्टी ऑर्गन फेल्योर
इन मामलों में अक्सर आयुष्मान योजना की 5 लाख की सीमा कम पड़ जाती है। इसलिए सरकार ने विशेष प्रक्रिया तैयार की है जिससे मरीजों को अतिरिक्त मदद मिल सके।
✅ कुछ जरूरी सुझाव (आयुष्मान भारत योजना की लिमिट खत्म)
- इलाज शुरू होने से पहले अस्पताल से पूछ लें कि आयुष्मान सीमा पार होने पर क्या विकल्प होंगे
- अगर किसी राज्य में अतिरिक्त हेल्थ स्कीम है तो उसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवा लें
- जरूरी डॉक्यूमेंट हमेशा तैयार रखें ताकि इमरजेंसी में फॉर्म भरने में देरी न हो
📢 आयुष्मान कार्ड की लिमिट खत्म
आयुष्मान भारत योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है। हालांकि, अगर इलाज महंगा होता है और आयुष्मान कार्ड की 5 लाख की सीमा खत्म हो जाती है, तो भी इलाज रुकता नहीं है। राज्य सरकारें, स्वास्थ्य विभाग, पीएम राहत कोष और CSR फंड जैसे कई विकल्प मौजूद हैं, जिनके ज़रिए इलाज जारी रह सकता है।
जरूरत है सही जानकारी और समय पर आवेदन की। अगर आप या आपके किसी परिजन को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़े, तो ऊपर बताए गए रास्तों को अपनाएं और इलाज बिना बाधा के जारी रखें।