Ayushman card rules changed: आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बुरी खबर! 7 अगस्त से बदल जाएंगे प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज के नियम

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Ayushman card rules changed: आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बुरी खबर! 7 अगस्त से बदल जाएंगे प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज के नियम
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Ayushman card rules changed: भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) देश के करोड़ों गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए संजीवनी साबित हुई है। लेकिन अब इस योजना से जुड़े लाभार्थियों को एक बड़ा झटका लग सकता है। नई परिस्थितियों में अब कई प्राइवेट अस्पतालों ने इस योजना के तहत इलाज बंद करने का फैसला लिया है, जिससे आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

क्या है पूरा मामला?

फरीदाबाद जिले के लगभग 25 प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज देना बंद करने की चेतावनी दी है। इन अस्पतालों का कहना है कि सरकार के ऊपर 400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बकाया है, जिसमें से फरीदाबाद के अस्पतालों का करीब 25 करोड़ रुपये शामिल है। इस विषय पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी राज्य सरकार को नोटिस भेजा है।

कब से लागू होगा बदलाव?

प्राइवेट अस्पतालों ने स्पष्ट कर दिया है कि 7 अगस्त 2025 से वे आयुष्मान योजना के अंतर्गत किसी भी कार्डधारक का इलाज नहीं करेंगे। यदि सरकार द्वारा बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो ये अस्पताल योजना से हट जाएंगे। इससे खासकर 10 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों को फरीदाबाद जिले में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज नहीं होगा अब प्राइवेट अस्पतालों में?

स्वास्थ्य विभाग के नवीन निर्देशों के अनुसार, अब कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज केवल सरकारी अस्पतालों में ही मुफ्त में किया जाएगा। प्राइवेट अस्पतालों में इन बीमारियों के लिए आयुष्मान कार्ड का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इनमें प्रमुख रूप से तीन बीमारियां शामिल हैं:

  • मस्तिष्क संबंधी बीमारियां और ऑपरेशन
  • प्रसव (Delivery) से जुड़ी चिकित्सा सेवाएं
  • गर्भाशय (Uterus) संबंधी सर्जरी और इलाज

इसका सीधा असर उन मरीजों पर पड़ेगा जो इन सेवाओं के लिए निजी अस्पतालों की ओर रुख करते थे।

Ayushman card rules changed: आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बुरी खबर! 7 अगस्त से बदल जाएंगे प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज के नियम

क्या सरकारी अस्पतालों में मिलेगा इलाज?

हां, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उपरोक्त बीमारियों का मुफ्त इलाज अभी भी सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह जारी रहेगा। मरीजों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें अब अधिक भीड़ और संसाधनों की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


क्यों नाराज़ हैं प्राइवेट अस्पताल?

प्राइवेट हॉस्पिटल्स का कहना है कि उन्होंने लाखों मरीजों को योजना के अंतर्गत मुफ्त इलाज प्रदान किया है, लेकिन उन्हें लंबे समय से भुगतान नहीं मिला है। इससे अस्पतालों की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ा है। कई अस्पतालों ने कहा है कि:

  • दवाइयों और सर्जरी के खर्च का भुगतान महीनों से लंबित है।
  • सरकारी प्रक्रियाएं काफी धीमी हैं।
  • नियमित भुगतान के बिना योजना को जारी रखना असंभव है।

आयुष्मान कार्ड धारकों पर क्या होगा असर?

इस योजना के माध्यम से गरीब वर्ग को ₹5 लाख तक की स्वास्थ्य सुविधा मुफ्त में मिलती है। लेकिन अब इन बदलावों के बाद:

  • उन्हें सीमित विकल्पों के बीच इलाज करवाना होगा।
  • प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए स्वयं भुगतान करना पड़ सकता है।
  • गंभीर बीमारी की स्थिति में सरकारी अस्पतालों में भीड़ और संसाधनों की कमी मरीजों की परेशानी बढ़ा सकती है।
Ayushman card rules changed: आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बुरी खबर! 7 अगस्त से बदल जाएंगे प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त इलाज के नियम

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समाधान की उम्मीद?

सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि:

  • भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
  • प्राइवेट अस्पतालों के साथ बातचीत करके समाधान निकाला जाएगा।
  • कार्डधारकों की सुविधा के लिए वैकल्पिक अस्पतालों की सूची सार्वजनिक की जा सकती है।

क्या योजना अब बेकार हो गई है?

नहीं, योजना अब भी प्रभावी है लेकिन इसके तहत मिलने वाली सुविधाओं में कुछ सीमाएं जरूर आ गई हैं। सरकार की मंशा है कि गरीबों को बेहतर इलाज मिले, पर निजी अस्पतालों की भागीदारी के बिना योजना का पूरा लाभ देना मुश्किल होगा।


आम जनता के लिए सलाह:

  1. नजदीकी सरकारी अस्पताल में पहले से जानकारी लेकर इलाज के लिए पंजीकरण कराएं।
  2. जो इलाज अब प्राइवेट अस्पतालों में नहीं होगा, उसकी जानकारी समय रहते लें।
  3. आयुष्मान हेल्पलाइन या वेबसाइट से अपडेट लेते रहें।
  4. प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने से पहले आयुष्मान कार्ड मान्यता की पुष्टि करें।

Ayushman card rules changed

आयुष्मान भारत योजना ने अब तक लाखों लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी है, लेकिन अब इसके समक्ष प्रशासनिक और वित्तीय चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। यदि सरकार और अस्पतालों के बीच जल्दी समाधान नहीं हुआ, तो इसका खामियाजा सीधे गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भुगतना पड़ेगा।

सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज करे, ताकि योजना का लाभ हर जरूरतमंद तक बिना बाधा के पहुंच सके।

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