KGF Reopening 2025: 80 साल बाद फिर निकलेगा KGF से सोना!! लौट रहा भारत का ‘स्वर्ण युग’

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KGF Reopening 2025: 80 साल बाद फिर निकलेगा KGF से सोना!! लौट रहा भारत का 'स्वर्ण युग'
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KGF Reopening 2025: भारत की सबसे चर्चित सोने की खान KGF (कोलार गोल्ड फील्ड्स) एक बार फिर से चालू होने जा रही है। जानिए क्या है इसके मायने, इतिहास और इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर।

भारत को सोने की भूमि कहा जाता है, और इस उपाधि को चरितार्थ करती है – कोलार गोल्ड फील्ड्स (KGF)। करीब 80 साल पहले बंद हो चुकी KGF अब दोबारा चालू होने की तैयारी में है। यह खबर हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि यह सिर्फ खनन की नहीं, बल्कि देश के आर्थिक विकास और गौरव की वापसी की कहानी है।

इस लेख में हम जानेंगे कि KGF क्या है, इसका इतिहास क्या रहा, 80 साल पहले क्यों बंद हुआ और अब दोबारा शुरू होने के क्या मायने हैं।

KGF Reopening 2025: 80 साल बाद फिर निकलेगा KGF से सोना!! लौट रहा भारत का 'स्वर्ण युग'

क्या है KGF (कोलार गोल्ड फील्ड्स)?

KGF (Kolar Gold Fields) भारत के कर्नाटक राज्य के कोलार जिले में स्थित है। यह कभी एशिया की सबसे बड़ी और सबसे गहरी सोने की खानों में से एक हुआ करती थी। यहां से निकलने वाला सोना भारत ही नहीं, विदेशों तक जाता था।

  • स्थान: कर्नाटक के कोलार जिले में
  • शुरुआत: 19वीं सदी के मध्य में (1860 के दशक में)
  • प्रसिद्धि: एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे गहरी खदान
  • बंद: 2001 में, लागत और उत्पादन के असंतुलन के कारण

KGF का गौरवशाली इतिहास

  1. ब्रिटिश शासन में शुरू हुई थी खुदाई
    ब्रिटिश शासन के दौरान KGF को विकसित किया गया। उस समय यहां हजारों मजदूर काम करते थे, और एक समृद्ध कॉलोनी बसाई गई थी।
  2. सोने की रफ्तार और समृद्धि
    20वीं सदी के शुरुआती दशकों में KGF से लाखों टन सोना निकाला गया। यहां की कमाई से ब्रिटिश भारत के कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फंड किया गया।
  3. देश की पहली बिजली आपूर्ति
    KGF ही वह जगह थी जहां भारत में पहली बार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर का उपयोग किया गया। यानी बिजली सबसे पहले कोलार में आई थी।

KGF क्यों बंद हुआ था?

2001 में भारत सरकार ने KGF से सोना निकालने का काम बंद कर दिया। इसके पीछे कई कारण थे:

  • कम उत्पादन: गहराई बढ़ने के कारण उत्पादन में गिरावट आई।
  • ज्यादा लागत: गहरी खुदाई और सुरक्षा में भारी खर्च आता था।
  • कम मुनाफा: बाजार में सोने की कीमत और उत्पादन लागत में संतुलन नहीं था।

इस कारण सरकार ने KGF को बंद करने का निर्णय लिया और सैकड़ों लोग बेरोजगार हो गए।

KGF Reopening 2025: 80 साल बाद फिर निकलेगा KGF से सोना!! लौट रहा भारत का 'स्वर्ण युग'

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अब क्यों दोबारा शुरू हो रहा है KGF?

हाल ही में केंद्र सरकार और कर्नाटक सरकार ने संकेत दिए हैं कि KGF को फिर से चालू करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं:

  1. उन्नत तकनीक
    अब भारत के पास अत्याधुनिक खनन तकनीक है जिससे लागत कम और उत्पादन ज्यादा किया जा सकता है।
  2. सोने की बढ़ती मांग
    देश और विदेशों में सोने की डिमांड लगातार बढ़ रही है।
  3. आत्मनिर्भर भारत मिशन
    भारत अब खुद अपने सोने की जरूरतें पूरी करना चाहता है ताकि आयात पर निर्भरता कम हो।
  4. स्थानीय रोजगार और विकास
    इससे स्थानीय लोगों को फिर से रोजगार मिलेगा और कोलार जिले का विकास होगा।

KGF दोबारा चालू होने से क्या होगा फायदा?

1. भारतीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट

सोने का उत्पादन देश के लिए बहुत बड़ी संपत्ति है। इससे विदेशी मुद्रा बचेगी और GDP में इजाफा होगा।

2. रोजगार के अवसर

KGF चालू होने से हजारों लोगों को सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से नौकरी मिलेगी – जैसे माइनिंग इंजीनियर, मजदूर, मशीन ऑपरेटर, टेक्नीशियन आदि।

3. स्थानीय व्यापार को बढ़ावा

खान चालू होने से आस-पास के बाजार, होटल, ट्रांसपोर्ट, मेडिकल जैसी सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा।

4. विदेशी निवेश

अगर भारत में माइनिंग सफल होती है, तो विदेशी कंपनियां भी यहां निवेश करने में रुचि दिखाएंगी।


KGF पर बना है बॉलीवुड का सुपरहिट फिल्म

KGF का नाम तो सभी ने सुना ही है, लेकिन फिल्म ‘KGF Chapter 1’ और ‘KGF Chapter 2’ ने इसे ग्लोबल पहचान दिलाई। इस फिल्म ने कोलार गोल्ड फील्ड्स के इतिहास को लोगों तक एक नायक की कहानी के रूप में पहुँचाया।

हालांकि फिल्म काल्पनिक है, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि असली KGF पर आधारित है, जिसने आज की पीढ़ी को इसकी विरासत से जोड़ा है।


चुनौतियाँ भी हैं

जहाँ एक तरफ KGF को दोबारा खोलने के फायदे हैं, वहीं कुछ चुनौतियाँ भी सामने हैं:

  • पर्यावरणीय असर
  • सुरक्षा उपाय
  • ज़मीन का पुनः अधिग्रहण
  • तकनीकी प्रशिक्षण

सरकार को इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए संतुलित योजना बनानी होगी।


KGF का दोबारा चालू होना सिर्फ एक खान की वापसी नहीं है, बल्कि यह भारत के ‘स्वर्ण युग’ की फिर से शुरुआत है। इससे सिर्फ सोना नहीं निकलेगा, बल्कि रोजगार, विकास और आत्मनिर्भरता जैसे अनमोल रत्न भी निकलेंगे। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले वर्षों में भारत को सोने के मामले में वैश्विक मंच पर एक नई पहचान मिलेगी।

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