Manmohan Singh Death: अपने राज में देश की GDP ग्रोथ रेट 8-9 फीसदी बढ़ाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन। भारत की आर्थिक प्रगति को नई दिशा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
PM मोदी ने व्यक्त किया शोक
पीएम मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में देश के नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रयास किए।लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे डॉ मनमोहन सिंह ने गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को दिल्ली के एम्स अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। आज हम आपको इस खबर के माध्यम से यह बताएंगे कि जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे, तब देश की आर्थिक स्थिति कैसी थी और उस दौरान जीडीपी वृद्धि दर कहाँ तक पहुँची थी।
India mourns the loss of one of its most distinguished leaders, Dr. Manmohan Singh Ji. Rising from humble origins, he rose to become a respected economist. He served in various government positions as well, including as Finance Minister, leaving a strong imprint on our economic… pic.twitter.com/clW00Yv6oP
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
अर्थव्यवस्था का स्वर्ण युग
यह कहानी है वर्ष 2004 की, जब देश को एक नया प्रधानमंत्री मिला – डॉ. मनमोहन सिंह। इससे पहले, मनमोहन सिंह को देश एक कुशल वित्त मंत्री के रूप में पहचान चुका था। अब समय आ गया था जब उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी कार्यक्षमता साबित की। यूपीए सरकार के इस कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, और पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री का पद संभाला था।
2004 से 2007 के बीच देश में जो विकास हुआ, उसे अब तक के सबसे बेहतर समय के रूप में देखा जाता है। इस दौर को भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वर्ण युग कहा गया। 2007 में भारत ने ऐतिहासिक रूप से 8-9 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ हासिल की और यह दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया।
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VAT प्रणाली की शुरुआत
2005 में, जब डॉक्टर मनमोहन सिंह को यह एहसास हुआ कि पुरानी जटिल सेल्स टैक्स प्रणाली उद्योगों को नुकसान पहुँचा रही है, तो उन्होंने वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लागू किया। इससे पुरानी सेल्स टैक्स प्रणाली समाप्त हुई और उद्योगों पर टैक्स का भार कम हुआ। साथ ही, सर्विस टैक्स की शुरुआत भी की गई, जिससे सरकार की आय प्रभावित नहीं हुई।
मनरेगा की शुरुआत
डॉक्टर मनमोहन सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) की शुरुआत हुई, जिसे आज मनरेगा के नाम से जाना जाता है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।